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मार्को रुबियो Photograph: (X)
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत को वॉशिंगटन की “शीर्ष साझेदारियों” में से एक बताया है. यह टिप्पणी उन्होंने सीनेट की विदेशी संबंध समिति में सर्जियो गोर की भारत में अमेरिकी राजदूत नियुक्ति के दौरान हुई.
इंडो-पैसिफिक में लिखी जाएगी कहानी
रुबियो ने कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक और वैश्विक भू-राजनीति में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने जोर दिया, “सर्जियो गोर भारत में अमेरिकी राजदूत के नामित हैं, और यह हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. 21वीं सदी की कहानी इंडो-पैसिफिक में लिखी जाएगी और भारत इसमें केंद्र में है.”
उन्होंने आगे कहा कि भारत-अमेरिका संबंध इस समय असाधारण संक्रमण काल से गुजर रहे हैं. रुबियो ने संकेत दिया कि आने वाले समय में दोनों देशों को कई अहम मुद्दों पर मिलकर काम करना होगा, जिसमें यूक्रेन युद्ध और क्षेत्रीय घटनाक्रम शामिल हैं.
शुरू हो सकती है व्यापारिक वार्ता
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाए थे. उनका आरोप था कि भारत रूस से तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को बल दे रहा है. इसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता ठप हो गई थी. हालांकि अब माना जा रहा है कि अगले सप्ताह बातचीत फिर शुरू हो सकती है.
सुनवाई के दौरान रुबियो ने गोर की योग्यता पर जोर देते हुए कहा कि उनकी राष्ट्रपति ट्रंप तक सीधी पहुंच है और वह काम निकालने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस काम के लिए गोर से बेहतर कोई और व्यक्ति मौजूद है.”
पिछले महीने ट्रंप ने किया था ऐलान
बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रपति ट्रंप ने गोर को अमेरिकी राष्ट्रपति कार्मिक विभाग के निदेशक से पदोन्नत कर भारत में राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत नियुक्त किया था.
सुनवाई में गोर ने भी भारत को रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा, “भारत की प्रगति पूरे क्षेत्र और उससे आगे का भविष्य तय करेगी. राष्ट्रपति ट्रंप के मजबूत नेतृत्व में मैं इस अहम साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.”