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विदेश मंत्री एस. जयशंकर Photograph: (UN YouTube)
S. Jaishankar in UNGA: भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर आतंकवाद को लेकर आईना दिखाया. दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (27 सितंबर) को न्यूयॉर्क में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक के दौरान पाकिस्तान को जमकर सुनाई. इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया और अपने पड़ोसी देश, जो "वैश्विक आतंकवाद का केंद्र" बताया. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने पाकिस्तान से पैदा होने वाले खतरे के साथ भारत के लंबे अनुभव का भी हवाला दिया.
विदेश मंत्री ने पहलगाम हमले का किया जिक्र
80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने इसी साल अप्रैल में पहलगाम में हुए हमले में मारे गए 26 लोगों की हत्या का हवाला देते हुए कहा कि सभी देशों को राज्य प्रायोजित आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि, "भारत अपनी आज़ादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है. दशकों से, बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के तार इसी देश से जुड़े रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भरे पड़े हैं. सीमा पार बर्बरता का सबसे ताज़ा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी."
'भारत ने आतंकवाद से अपने लोगों की रक्षा के अधिकार का प्रयोग किया'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया. विदेश मंत्री ने कहा कि, "भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया."
9 आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, भारत ने 7 मई, 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए. ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे सहित प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
'आतंकी ढांचों को ध्वस्त करना था ऑपरेशन सिंदूर का मकसद'
विदेश मंत्री ने कहा कि, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करना और भविष्य में सीमा पार हमलों को रोकना था. भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि, अपने अधिकारों का दावा करते हुए, हमें खतरों का भी दृढ़ता से सामना करना होगा. आतंकवाद का मुकाबला करना एक विशेष प्राथमिकता है क्योंकि यह कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का बढ़ावा देता है.
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