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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन Photograph: (File Photo)
Jimmy Carter passed away: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को निधन हो गया. वह 100 वर्ष के थे. जिमी कार्टर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति थे. रविवार को कार्टर सेंटर की ओर से जारी एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की गई. बयान में कहा गया कि, कार्टर अपने अंतिम क्षणों में जॉर्जिया के प्लेन्स में अपने घर पर थे.
बता दें कि अमेरिकी इतिहास में जिमी कार्टर सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले पहले राष्ट्रपति है. उन्होंने जीवनभर मानवाधिकार और मानवता की सेवा की, हालांकि जब वह राष्ट्रपति रहे तब उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. वह पिछले लंबे समय से मेलानोमा नाम के एक स्किन कैंसर से जूझ रहे थे.
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जॉर्जिया में हुआ था जिमा कार्टर का जन्म
बता दें कि जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया में हुआ था. उनके पिता खेती किया करते थे. वह 1976 से 1980 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे. जिमी कार्टर राष्ट्रपति बनने से पहले अमेरिका नौसेना में सेवा दे चुके थे. इसके साथ ही वह जॉर्जिया में सीनेटर रहे और उसके बाद जॉर्जिया के गवर्नर भी बने. जब राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया तो वह मानवाधिकार संस्थाओं के साथ जुड़ गए और जीवनभर लोगों की सेवा करते रहे.
Former US President Jimmy Carter passed away announced the Carter Center and US media outlets.
— ANI (@ANI) December 29, 2024
इन क्षेत्रों में कार्टर ने निभाई अहम भूमिका
राष्ट्रपति रहते हुए तमाम आलोचनाओं को झेलने वाले जिमी कार्टर ने अपने कार्यकाल को पूरा करने के बाद 'कार्टर सेंटर' नाम के एक चैरिटी शुरू की. इस चैरिटी ने जिन अहम कामों को अंजाम दिया. उनमें चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजूबत करना शामिल है.
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इसके अलावा उन्होंने दुनियाभर में गिमी कृमि (एक प्रकार का परजीवी कीड़ा) को खत्म करने में भीमदद की. उनकी इन कोशिशों से इस तरह की बीमारी के मामले बहुत कम हो गए. जिमी कार्टर जब 90 साल के हुए तो वे 'हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटी' नाम के संगठन के जुड़ गए. इस संगठन का काम लोगों के लिए घर बनाने का है.
#WATCH | US President Joe Biden says, "This is a sad day, but it brings back an incredible amount of good memories. Today, America and the world, in my view, lost a remarkable leader. He was a statesman and humanitarian. And Jill and I lost a dear friend. I've been hanging out… pic.twitter.com/JYFeakPf3E
— ANI (@ANI) December 30, 2024
कार्टर को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार
इसके साथ ही जिमी कार्टर को साल 2002 में शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया. ये सम्मान उन्हें शांति वार्ताओं, मानवाधिकारों के लिए अभियान चलाने और समाज कल्याण के लिए काम करने के लिए दिया गया. क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति कार्यकाल समाप्त होने के बाद लंबे समय तक मानवाधिकार से जुड़ी संस्थाओं और अनेक परोपकारी संस्थाओं के साथ काम किया है. कार्टर ने 1982 में अटलांटा, जॉर्जिया स्थित एमरी विश्वविद्यालय में कार्टर प्रेसिडेंशियल सेंटर की स्थापना की. जिसका काम लोकतंत्र और मानवाधिकार से जुड़ा हुआ है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने कार्टर के निधन पर जताया दुख
जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुख जताया. उन्होंने कहा कि, "यह एक दुखद दिन है, लेकिन यह अविश्वसनीय रूप से अच्छी यादें वापस लाता है. आज, मेरे विचार में, अमेरिका और दुनिया ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया. वह एक राजनेता और मानवतावादी थे. जिल और मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है. मैं 50 वर्षों से अधिक समय से जिमी कार्टर के साथ रह रहा हूं. इन वर्षों में मैंने उनके साथ अनगिनत बातचीत की है. हालाँकि मुझे जिमी कार्टर के बारे में जो बात असाधारण लगती है, वह यह है कि दुनिया भर में लाखों लोग हैं, हालांकि, उन्हें लगता है कि उन्होंने एक दोस्त भी खो दिया है वे उनसे कभी नहीं मिले और ऐसा इसलिए था क्योंकि जिमी कार्टर ने ऐसा जीवन जीया जो शब्दों से नहीं, बल्कि उनके कर्मों से मापा जाता था."