सिंधु जल समझौता को रद्द करने के बाद से पाकिस्तान आने वाली समस्या को सोचकर कर परेशान हो रहा है. पानी को लेकर वह भारत से रहम की उम्मीद कर रहा है. पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में भी माहौल गमगीन है. यहां पर सांसद सैयद अली जाफर का कहना है कि देश में 90 प्रतिशत किसानी सिंधु पर निर्भर है. ऐसे में अगर पानी नहीं मिला तो यहां लोग भूख मरने लगेंगे.
पाकिस्तान पर कई पाबंदी लगाईं
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान पर कई पाबंदी लगाईं. इसमें सिंधु जल समझौता रद्द किया गया है. इससे पाकिस्तान को डर है कि कही देश में पानी का संकट न गहरा जाए. खेती न होने के कारण देश को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है. भारत पहले ही कह चुका है कि जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को खत्म नहीं करता है और वित्तपोषण नहीं रोकता है, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित ही रहेगी.
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं : विदेश मंत्रालय
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ भविष्य में कोई भी बातचीत होगी तो यह केवल जम्मू और कश्मीर में अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर केंद्रित होनी है. विदश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में कहा, “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते,” उन्होंने कहा कि देश केवल वांछित आतंकवादियों के प्रत्यर्पण पर बात करेगा.”
पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं: जायसवाल
विदेश मंत्रालय का कहना है कि अब कोई भी द्विपक्षीय चर्चा पाकिस्तान की ओर अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने के लिए होगी. निलंबित सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) पर जायसवाल ने पुष्टि की कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता है और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता, तब तक यह समझौता स्थगित रहने वाला है. उन्होंने पीएम मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं ”, ये ऐतिहासिक जल-समझौते पर भारत के हालात के सख्त होने का संकेत देते हैं.”
ये भी पढ़ें: Drone Attack: मॉस्को के एयरपोर्ट पर यूक्रेन ने किया ड्रोन हमला, भारतीय सांसदों की होने वाली थी लैंडिंग