इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता का दौर जारी है. दोनों देश एक-दूसरे के कैदियों को रिहा कर रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण की बात का सुझाया है. जिस पर कई देश आपत्ति जता रहे हैं. भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने इस मामले में ट्रंप का समर्थन किया है. उनका कहना है कि गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव का वे समर्थन करते हैं. ट्रंप ने गाजा पट्टी को खाली करने और इसे अमेरिकी नियंत्रण में लेकर विकसित करने की योजना का प्रस्ताव रखा था. इस प्लान की बड़े स्तर पर आलोचना हो रही है. मगर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका समर्थन किया है.
पांच मिलियन यूक्रेनियन, यूक्रेन को छोड़कर निकले
अजार का कहना है कि उदाहरण के लिए, जब रूस-यूक्रेन युद्ध आरंभ हुआ तो करीब पांच मिलियन यूक्रेनियन यूक्रेन को छोड़कर निकल गए. वहीं जब सीरिया में गृह युद्ध हुआ, तो आठ मिलियन सीरियाई सीरिया को छोड़ निकल गए. जब संघर्ष होता है तो लोगों को किसी अन्य जगह शरण लेनी पड़ती है. उन्हें शांत जगह पर जाने की इजाजत दी जाती है. जब युद्ध खत्म हो जाए और निर्माण के माध्यम से चीजे ठीक हो जाएं तब वे वापस आ सकते हैं. मगर विश्व में एकमात्र जगह ऐसी है जहां पर इस तरह की इजाजत नहीं है. यह है गाजा पट्टी.
किसी तरह की जबरदस्ती नहीं
इजरायली राजदूत ने कहा, 'ट्रंप जो कह रहे है वह स्वाभाविक है. गाजा के लोगों को तब तक अस्थायी रूप से सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जा सकता है. यह स्वैच्छिक आधार पर है. इसमें किसी तरह की जबरदस्ती नहीं है. ऐसे देश जो फिलिस्तीनियों को स्वीकार करना चाहते हैं, जो शरणार्थियों को लेना चाहते हैं. वे ऐसा कर सकते हैं.'
बीते माह अमेरिकी राष्ट्रपति और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुलाकात हुई थी. ट्रंप के शासनकाल में इजरायल और अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर अजार ने कहा, हम आशावादी हैं. हमने देखा कि ट्रंप प्रशासन ने इस क्षेत्र काफी कुछ किया है. हमें यह उम्मीद है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में कई और उपलब्धियां हासिल करेंगे.
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