Israel-Iran Ceasefire: इजरायल और ईरान के बीच 13 जून को शुरू हुए युद्ध का 24 जून को अंत हो गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर का एलान किया. ईरान और इजरायल के बीच हुए सीजफायर का भारत ने स्वागत किया है. इसके साथ ही भारत ने पश्चिम एशिया में सतत सुरक्षा और स्थिरता को लेकर एक बार फिर से अपनी चिंता दोहराई है.
दोनों देशों ने जताई युद्धविराम पर सहमति
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया है कि युद्धविराम शुरू हो गया है. इसके बाद, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि उनका देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रात में घोषित युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमत हो गया है. हालांकि ट्रंप की ओर से किए गए युद्धविराम के एलान के बाद भी ईरान ने इजरायल पर 6 मिसाइलें दागी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली पीएम नेतन्याहू के बीच बातचीत के बाद अतिरिक्त हमलों को रोकने को कहा गया. हालांकि इससे पहले इजरायल ने तेहरान के पास एक रडार स्थापना को नष्ट करके जवाबी कार्रवाई की.
भारत ने क्षेत्र में स्थिरता पर फिर जताई चिंता
वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, "हम समग्र और निरंतर क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की संभावनाओं के बारे में गहराई से चिंतित हैं, हम ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम की रिपोर्ट और इसे लाने में अमेरिका और कतर द्वारा निभाई गई भूमिका का स्वागत करते हैं." बता दें कि भारतीय पक्ष ने ईरान-इजराइल संघर्ष के समय पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखी है, जिसमें रविवार को ईरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई और उसके बाद कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए गए मिसाइल हमले शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम दोहराना चाहते हैं कि क्षेत्र में कई संघर्षों से निकलने और हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति के अलावा कोई विकल्प नहीं है." मंत्रालय ने कहा कि, "भारत इन प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है और उम्मीद करता है कि सभी संबंधित पक्ष निरंतर शांति और स्थिरता की दिशा में काम करेंगे."
दोनों देशों के साथ भारत के घनिष्ठ संबंध
बता दें कि भारत के दोनों देशों (ईरान और इजरायल) के साथ घनिष्ठ रणनीतिक संबंध हैं. इसीलिए भारत ने दोनों देशों से वार्ता और कूटनीति की ओर लौटने का आग्रह किया था. 13 जून को इजरायली हमले के बाद दोनों देशों के बीच जंग की शुरुआत हुई थी. जिसमें दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ. ईरान में करीब 950 लोग मारे गए, जबकि इजरायल में 30 से ज्यादा लोगों की जान गई. दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव और जंग ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन मंगलवार को दोनों देशों के बीत सीजफायर का एलान किया गया.
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