इस्राइल ने सोमवार को 15 माह के बाद पहली बार गाजा युद्ध विराम के तहत गाजा पट्टी के उत्तरी इलाकों में फिलिस्तीनियों को बसने की इजाजत दी. हजारों फिलिस्तीनी कई दिनों से सीमा पार करने का इंतजार कर रहे थे. फिलिस्तीनी गाजा के उत्तरी इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं. हजारों लोगों ने सुबह सात बजे के बाद नेतजारिम कॉरिडोर देखा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल और हमास के बीच विवाद था, जिस वजह से कॉरिडोर खुलने में दो दिन लेट हो गया. इस्राइल का कहना है कि हमास ने उन कैदियों की रिहाई का क्रम बदल दिया था, जिन्हें फिलिस्तीनी कैदियों के बदले छोड़ा गया था. हालांकि, मध्यस्थों ने रात में ही इस्राइल और हमास के बीच हुए विवाद का समाधान कर दिया.
बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना था सीजफायर का उद्देश्य
युद्ध विराम का उद्देश्य इस्राइल और हमास के बीच अब तक के सबसे बड़े युद्ध को खत्म करने और हमास के हमले में पकड़ाए गए दर्जनों बंधकों कि रिहाई को सुनिश्चित करना था.
इस्राइल ने हमास के साथ युद्ध के शुरुआती दिनों में गाजा के उत्तरी हिस्से को खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद इस्राइली सेना ने हमला करके पूरे क्षेत्र को बंद कर दिया. अक्टूबर 2023 में ही कम से कम एक मिलियन लोग उत्तर से दक्षिण दिशा में चले गए थे. इसके बाद इस्राइली सेना ने उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दी.
जानें कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
बता दें, हमास ने सात अक्टूबर को तड़के इस्राइल पर ताबड़तोड़ पांच हजार मिसाइलों से हमला कर दिया. हमास के आतंकवादियों ने इस्राइल में जबरदस्त लूटपाट मचाई और इस्राइली नागरिकों को बंधक बना लिया. इस्राइल ने इसे आंतकी हमला करार दिया और युद्ध की घोषणा की. इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि ये आतंकी हमला है और हम इसका बदला लेंगे. नेतन्याहू ने कसम खाई कि जब तक हम हमास का खात्मा नहीं कर देते, तब तक हम शांति से नहीं बैठेंगे.