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सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई Photograph: (SM)
ईरान एक बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. ब्रिटेन की हेनरी जैक्सन सोसाइटी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वहां का मौजूदा सिस्टम यानी इस्लामिक रिपब्लिक अब गिरने के कगार पर है. रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर यह सिस्टम अचानक ढह गया तो देश में अराजकता फैल सकती है और हालात गृहयुद्ध तक पहुंच सकते हैं.
यूएन ने लगाए गंभीर आरोप
संयुक्त राष्ट्र ने भी ईरान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके मुताबिक, सरकार ने सिर्फ इस साल ही करीब 900 लोगों को फांसी दी है. इसका इस्तेमाल जनता को डराने और विरोध की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है.
क्यों कर रहे हैं ऐसा खामेनेई?
देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई अब भी पुराने ईरानी क्रांति के एजेंडे पर अड़े हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, उनकी सरकार सत्ता बचाने के साथ-साथ फिर से अपने परमाणु कार्यक्रम को जिंदा करने की कोशिश में है.
इजराइल और अमेरिका से टकराव
जून में 12 दिन चले युद्ध के दौरान इजराइल और अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स पर बड़े हमले किए. इससे उसका परमाणु प्रोजेक्ट काफी पीछे चला गया. लेकिन ईरान भी पीछे नहीं हटा और उसने पलटवार करते हुए इजराइली ठिकानों और अमेरिका के सैन्य बेसों पर मिसाइलें दागीं. इनमें कतर का अल-उदीद एयरबेस और इराक का ऐन अल-असद बेस शामिल थे.
अब पश्चिम के लिए क्या होगी चुनौती?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान सिर्फ अपनी सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि वह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि पश्चिमी देश इसे अपने लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं.
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ईरान में वाकई सत्ता बदलने वाली है, या फिर मौजूदा हुकूमत हर मुश्किल से लड़कर टिक जाएगी?
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