ईरान ने शुक्रवार रात इज़रायल के खिलाफ बड़ा जवाबी हमला किया, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए खास तौर पर तेल अवीव और यरुशलम को निशाना बनाया गया. लगातार तीसरी रात इज़रायली नागरिकों को बम शेल्टरों की ओर भागना पड़ा. हमले के दौरान इजरायल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम', 'डेविड स्लिंग' और 'एरो' – सक्रिय हो गईं और आकाश में इंटरसेप्टर मिसाइलों की चमक दिखाई दी.
इजरायल के अटैक के बाद भड़का ईरान
यह टकराव 12 जून को शुरू हुआ, जब इज़रायल ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया था. इस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई शीर्ष कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए, जिनमें एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख आमिर अली हाजी जादेह और सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी शामिल थे. नतांज के यूरेनियम संवर्धन केंद्र और तेहरान के आसपास हुए जबरदस्त विस्फोटों ने ईरान को झकझोर कर रख दिया, जिसके बाद अब यह बड़ा पलटवार सामने आया है.
ईरान ने लांच किया ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस
इसके जवाब में शुक्रवार रात ईरान ने "ट्रू प्रॉमिस 3" नामक ऑपरेशन के तहत 150 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन इजरायलकी ओर दागे. इज़राइली मीडिया के अनुसार इस हमले में 60 से ज्यादा लोग घायल हुए और एक महिला की मौत हुई. तेहरान में भी इज़राइली हमलों के जवाब में ईरानी रक्षा प्रणालियों को सक्रिय देखा गया, यहां तक कि अयातुल्ला खामेनेई के निवास के पास भी गोलाबारी हुई.
ईरान या इजरायल कौन है रियल किंग?
अब जबकि दोनों देशों के बीच सीधा युद्ध शुरू हो गया है, यह सवाल और गंभीर हो गया है कि दोनों देशों की सैन्य ताकत की तुलना में कौन भारी है? ईरान के पास करीब 6 लाख सक्रिय सैनिक और लगभग 3 लाख रिजर्व बल हैं. इसमें नियमित सेना, रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) और बसीज शामिल हैं. वहीं इजरायल के पास लगभग 1.7 लाख सक्रिय सैनिक और 4.6 लाख रिजर्व फोर्स है. नंबर्स में ईरान आगे है, पर इजरायल की सेना ज्यादा ट्रेंड हैं
आसमान में है किसकी धाक?
इजरायल के पास अत्याधुनिक F-35I ‘Adir’ फाइटर जेट्स, F-15 और F-16, रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम हैं. ईरान अभी भी पुराने अमेरिकी और रूसी विमानों पर निर्भर है और आधुनिक लड़ाकू विमान नहीं रखता. तो वायु शक्ति में इजरायल ज्यादा शक्तिशाली है..
मिसाइल और ड्रोन क्षमता
ईरान के पास मिडिल ईस्ट का सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइल जखीरा है, जिनकी रेंज 300 से 2000 किमी तक है. वहीं ड्रोन तकनीक में भी ईरान ने काफी विकास किया है और ये हथियार अपने सहयोगियों को भी देता है. इजरायल के पास सटीक और हाई टेक वाले मिसाइल और ड्रोन्स हैं, पर संख्या में कम है. ईरान मिसाइलों की संख्या और रेंज में आगे, इजरायल टारगेटेड और तकनीक में बेस्ट है.
मिसाइल रक्षा प्रणाली
इजरायल की आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो प्रणालियों ने हजारों मिसाइलें रोकी हैं. वहीं ईरान की रक्षात्मक प्रणाली में अब भी खामियां हैं, जिसे हालिया हमलों ने उजागर किया. इजरायल की रक्षा प्रणाली ज्यादा भरोसेमंद और प्रभावी है.
पानी में है कौन किंग?
ईरान की नौसेना क्षेत्रीय दबाव बनाने और समुद्री व्यापार में बाधा डालने की रणनीति पर केंद्रित है. वहीं इजरायलकी नौसेना अत्याधुनिक पनडुब्बियों और मिसाइल रक्षा से लैस है, जो उसे गुप्त और रणनीतिक बढ़त देती है. ईरान क्षेत्रीय छेड़छाड़ में माहिर, इजरायलकी समुद्री रणनीति अधिक घातक और एडवांस है.
साइबर और खुफिया युद्ध में माहिर?
इजरायलकी यूनिट 8200, मोसाद और शिन बेट जैसे खुफिया तंत्र ने वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ दिखाई है. वहीं ईरान भी साइबर हमलों में काफी आगे है और इज़राइल, अमेरिका व खाड़ी देशों को निशाना बना चुका है. इजरायल साइबर खुफिया और सटीक हमलों में आगे जबिक ईरान में काफी पीछे है.
प्रॉक्सी नेटवर्क और क्षेत्रीय प्रभाव का दबदबा?
ईरान ने हिज़्बुल्लाह, हमास, हूती और इराकी-मिलिशिया जैसे सहयोगी तैयार किए हैं, जो इजरायलके लिए चारो तरफ से खतरा हैं. इजरायल का कोई प्रॉक्सी नेटवर्क नहीं है, पर वह खुफिया और हवाई हमलों से जवाब देता है.
परमाणु शक्ति किसके पास?
इजरायल के पास गुप्त परमाणु हथियार माने जाते हैं (80–200 वारहेड्स). वहीं ईरान अभी हथियार स्तर तक नहीं पहुंचा, लेकिन कुछ ही कदम दूर है. इन सभी मामलों की गणना की जाए तो इजरायल काफी आगे है जबकि ईरान इसमें पीछे है.
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