मोसाद को वो एजेंट, जो सीरिया का बन गया था बड़ा नेता!

12 जून को इजराइल ने ईरान पर हमला किया, ये एक सीक्रेट ऑपरेशन जैसा था. इजराइल ने अपने खुफिया एजेंटों के जरिए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे ईरान हिल गया.

12 जून को इजराइल ने ईरान पर हमला किया, ये एक सीक्रेट ऑपरेशन जैसा था. इजराइल ने अपने खुफिया एजेंटों के जरिए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे ईरान हिल गया.

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Ravi Prashant
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Eli Cohen spy mossad agent

एली कोहेन Photograph: (X)

12 जून की रात, जब दुनिया सो रही थी, इज़रायल ने ईरान के खिलाफ एक ऐसा अटैक किया जिसकी तैयारी महीनों से चल रही थी. ये सिर्फ एयरस्ट्राइक नहीं थी. ये एक मोसाद-लेवल स्पाई ऑपरेशन था, जिसने ईरान के सुरक्षा ढांचे को भीतर से हिला दिया.

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एजेंटों ने मचाई तबाही

Axios की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के पहले महींनों तक इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर गुप्त तरीके से अपने ऑपरेटिव्स एक्टिव किए थे. सैंकड़ों एजेंट ईरान में और मिडिल ईस्ट के कई हेडक्वार्टर्स में तैनात थे. कुछ ईरानी नागरिक भी इस मिशन में मोसाद के लिए काम कर रहे थे. सेंट्रल ईरान में मिसाइल लॉन्चरों के पास मोसाद ने गुप्त हथियार सिस्टम प्लांट कर दिए थे. वहीं, कुछ वाहन जिनमें एडवांस हथियार छिपे थे, उन्हीं इलाकों में खामोशी से पहुंचा दिए गए.

ईरान में सीक्रेट ऑपरेशन भी एक्टिव हुआ

जैसे ही इज़रायली फाइटर जेट्स ने हमला किया, ज़मीन पर पहले से तैनात ये हथियार भी एक्टिवेट हो गए और ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को सीधा टारगेट किया. इससे ईरान को अचानक दोतरफा हमले का सामना करना पड़ा.

ईरान के अंदर बना था सीक्रेट ड्रोन बेस

Axios की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि मोसाद ने ईरान के अंदर एक गुप्त ड्रोन बेस भी तैयार किया था. हमला शुरू होते ही वहीं से ड्रोन लॉन्च किए गए. इन ड्रोन्स ने तेहरान के पास मौजूद बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च साइट्स को तबाह कर दिया.

कौन थे Eli Cohen?

इस पूरे ऑपरेशन ने लोगों को Eli Cohen की याद दिला दी. वो मोसाद एजेंट जिसने सीरिया की सत्ता के दिल तक पहुंच बनाई थी. 1924 में मिस्र के अलेक्ज़ान्द्रिया में जन्मे एलि कोहेन, एक सीरियाई यहूदी परिवार से थे. अरबी, फ्रेंच और इंग्लिश में माहिर कोहेन को 1960 में मोसाद ने भर्ती किया.‘Kamal Amin Thaabet’ नाम से वो अर्जेंटीना गए, वहां से दमिश्क पहुंचे और सीरियाई अधिकारियों से गहरी दोस्ती कर ली. 

1963 में सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद, वही लोग सत्ता में आ गए जिनसे वो पहले अर्जेंटीना में मिले थे. इससे उन्हें सीरिया के टॉप मिलिट्री और पॉलिटिकल सीक्रेट्स तक सीधी पहुंच मिल गई. इस बार का इज़रायली हमला सिर्फ फिजिकल स्ट्राइक नहीं था. ये एक साइकोलॉजिकल और स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन था, जिसकी गूंज न सिर्फ ईरान में, बल्कि पूरी दुनिया में महसूस की गई. 

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