ईरानी हैकर ने अमेरिका के साथ कर दिया खेला, अब क्या करेंगे ट्रंप?

एक ईरान समर्थित हैकर समूह, जो "Robert" के नाम से एक्टिव है, उसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों के 100GB से ज्यादा ईमेल हैक कर लिया है. इस समूह ने चेतावनी दी है कि वे इन ईमेल्स को सार्वजनिक कर सकते हैं.

एक ईरान समर्थित हैकर समूह, जो "Robert" के नाम से एक्टिव है, उसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों के 100GB से ज्यादा ईमेल हैक कर लिया है. इस समूह ने चेतावनी दी है कि वे इन ईमेल्स को सार्वजनिक कर सकते हैं.

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Ravi Prashant
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डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (IG)


एक ईरान समर्थित हैकर ग्रुप, जो "Robert" नाम से सक्रिय है, उसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों के 100GB से अधिक ईमेल हैक करने का दावा किया है. इस ग्रुप ने धमकी दी है कि वे ये ईमेल पब्लिक कर सकते हैं या बेच सकते हैं. हैकरों ने जिन लोगों का नाम लिया है, उनमें व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सुज़ी वाइल्स, ट्रंप की अटॉर्नी लिंडसे हैलिगन, सलाहकार रोजर स्टोन और ट्रंप की आलोचक व एडल्ट फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स शामिल हैं.

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स्टॉर्मी डेनियल्स का पुराना विवाद

स्टॉर्मी डेनियल्स ने 2018 में दावा किया था कि 2006 में उनका ट्रंप के साथ यौन संबंध था, जब ट्रंप का सबसे छोटा बेटा पैदा हुआ था. उन्होंने यह भी कहा था कि 2016 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें चुप रहने के लिए $130,000 दिए गए थे.

हैकर ग्रुप का मकसद क्या है?

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, हैकर ग्रुप ने अभी तक इन ईमेल की सामग्री का कोई सबूत या प्रमाण नहीं दिया है, लेकिन संकेत दिया है कि ये डेटा या तो सार्वजनिक किया जाएगा या बेचा जा सकता है. बताया गया है कि यह ग्रुप 2024 के चुनाव के दौरान पहले भी ईमेल लीक कर चुका है लेकिन ट्रंप की जीत के बाद रिटायर हो गया था. हालांकि, हाल ही में ईरान-इज़राइल संघर्ष और अमेरिकी हमलों के बाद "Robert" फिर से सक्रिय हो गया है.

अमेरिकी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

अमेरिका की अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने इस साइबर हमले की निंदा करते हुए इसे “घृणित साइबर हमला” बताया.  वहीं FBI डायरेक्टर कश पटेल ने व्हाइट हाउस के साथ संयुक्त बयान में कहा कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक हुई है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साइबर सुरक्षा एजेंसी CISA ने इस पूरे मामले को डिजिटल प्रोपेगैंडा बताया, उन्होंने कहा कि यह हमला एक सोची-समझी साजिश है, जिसका मकसद ट्रंप और उनके वफादार अधिकारियों को बदनाम करना है.

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