ईरान में इजराइल ने भारी तबाही मचाई. अब युद्ध खत्म हो चुका है. इस बीच ईरान को ‘बड़ा खजाना’ तेहरान में मिला है. यह हकीकत है. इजरायल ने ईरान में अपने सैकड़ों अत्याधुनिक ड्रोन को छोड़ दिए हैं. इस पर ईरान अब रिवर्स इंजीनियरिंग कर रहा है. इजराइली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, उन्हें कई सौ मिलियन डॉलर के ड्रोन अब मिल नहीं रहे हैं. इन ड्रोन को ईरान अगले युद्ध में उपयोग करने लायक बनाया जा रहा है.
क्या है रिवर्स इंजीनियरिंग
रिवर्स इंजीनियरिंग उस प्रक्रिया को कहा जाता है,जिसमें किसी चीज को दोबारा रिक्रिएट किया जाता है. इसको हिस्सों में बांटकर रिसर्च किया जाता है. उसे किस तरह से बनाया जाए और किन तरह की चीजों का उपयोग किया गया है. पहले ड्रोन को खोलकर या उसके कलपुर्जे को स्कैन किया जाता है. उसके फर्मवेयर, रडार और सेंसर से जानकारी ली जाती है. इसके बाद वैज्ञानिक इनपर रिसर्च करते हैं.
ड्रोन की कॉपी तैयार की गई
इसके बाद CAD सॉफ्टयर के जरिए ड्रोन की कॉपी तैयार की जाती है. यहां पर इसकी ताकत को परखा जाता है. इसके इंजन, पंखे, कंट्रोल साफ्टवेयर आदि का उत्पादन किया जाता है. सीधे तौर पर कहें तो रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए प्रोडक्ट की नकल की जाती है.
पहले भी ईरान कर चुका है रिवर्स इंजीनियर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने मध्यम दूरी तक मार करने वाले हर्मेस (Hermes) ड्रोन छोड़े थे. यह इंटेलिजेंस, सर्विलांस में काम किया जाता है. ये काफी छोटे होते हैं. यह विस्फोटकों से लदे हैं. यूक्रेन रूस पर हमले में इसका खूब उपयोग किया गया. पहले भी ईरान ने अमेरिकी RQ‑170 को रिवर्स इंजीनियर कर चुका है. अगर ईरान इजराइल के ड्रोन का हूबहू स्ट्रक्चर बना लेता है तो इजराइल के लिए समस्या हो सकती है. इसके डेटा को निकालकर ईरान इजराइल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.
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