पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई. उसके 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने खुद संघर्ष खत्म करने की गुहारा लगाई. तब कही जाकर सीजफायर किया गया. हालांकि भारत का सख्त रुख अभी भी बरकरार है. इसका असर पाकिस्तान के व्यापरियों पर साफ दिख रहा है. इन्होंने अब शहबाज शरीफ सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. पाकिस्तानी व्यापारियों की मांग है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुझाया जाए.
जहाजों के ठहरने पर लगाई रोक
बीते माह 2 मई को भारत ने एक बड़ा फैसला लिया था. उसने अपने बंदरगाहों पर पाकिस्तान का माल ले जाने वाले जहाजों के ठहरने पर रोक लगाई थी. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान का पूरा कारोबार धूल फांकने लगा है.
शुरूआत में पाकिस्तान को यह लग रहा था कि भारत के इस निर्णय से उस पर कोई असर नहीं होगा. लेकिन जब हालात बिगड़े तो इसका असर व्यापारियों पर दिखाई दे रहा है. इसके कारण पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है.
वैकल्पिक रास्तों की खोज में जुटा पाकिस्तान
पाकिस्तान के मालवाहक जहाजों को भारत की ओर से रुकने की परमिशन न मिलने उसे भारी नुकसान हुआ है. भारत के निर्णय के बाद से पाकिस्तान इंटरनेशनल ट्रेड करने को लेकर वैकल्पिक रास्तों की खोज में जुट गया था. लेकिन इससे उसे काफी नुकसान झेलना पड़ा है.
दरअसल, पाकिस्तान जब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करता है तो उसे अधिक समय भी लग रहा है. इसके साथ लागत भी महंगी हो रही है. भारत के इस निर्णय ने वक्त और लागत दोनों को बढ़ाया है.
पाकिस्तान के खस्ता हालात
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया. ऐसा बताया जा रहा है कि इस हमले में 100 से अधिक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया. भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान लड़खड़ा गया है. भारत ने उस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. हाल के प्रतिबंध से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान हो रहा है.
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