Kashmir Issue: पाकिस्तानी विदेशी मंत्री ने UNSC में उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत ने दिखा दी औकात

पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का राग अलाप दिया. ऐसे में भारत ने भी वैश्विक मंच से पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी.

पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का राग अलाप दिया. ऐसे में भारत ने भी वैश्विक मंच से पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी.

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Jalaj Kumar Mishra
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Indian Envoy condemn Pakistan MEA Ishaq dar kashmir statement

Indian Envoy Parvathaneni Harish

कंगाली की मार खा रहा पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. खुद के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं न दे पाने वाला पाकिस्तान कश्मीर को पाने का सपना सजा रहा है. बदहाल पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलाप दिया है.

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पाकिस्तान ने इस बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाया है. इतिहास के अनुसार इस बार भी पाकिस्तान को भारत ने वैश्विक मंच पर लताड़ लगाई. पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत के यूएन में राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि कश्मीर पहले भी भारत का था, आज भी है और कल भी रहने वाला है. उन्होंने पाकिस्तान के इस प्रोपेगेंडा की भी जमकर आलोचना की. 

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से मजबूत लोकतंत्र

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने भारत के ताज को लेकर टिप्पणी की है. मैं साफ करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का झूठा प्रोपेगेंडा कश्मीर की जमीनी हकीकत को कभी नहीं बदल सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया. मतदान से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पसंद साफ होती है. जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तुलना में लोकतंत्र ज्यादा मजबूत है.

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'पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र'

हरीश ने आतंकवाद और पाकिस्तान के रिश्ते पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही पाकिस्तानी आतंकवाद का शिकार रहा है. पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है. हमें तो आजतक समझ नहीं आया कि आखिर पाकिस्तान क्यों आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे होने के लिए खुद ही थपथपाता है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी कीमत में सही नहीं ठहरा सकते हैं. राजनीतिक शिकायतें भी आतंकवाद को सही नहीं मान सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र अच्छे और बुरे आतंकियों के बीच कोई भी अंतर नहीं कर सकता.

 

 

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