अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकर आपस में भिड़े Gen-Z, अब कौन संभालेगा नेपाल की कमान?

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इस पर खींचतान शुरू हो गई है. इसे लेकर जेन-ज़ी आपस में ही भिड़ गए हैं

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इस पर खींचतान शुरू हो गई है. इसे लेकर जेन-ज़ी आपस में ही भिड़ गए हैं

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Ravi Prashant
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नेपाल कौन होगा अगला कप्तान? Photograph: (NN/SM)

नेपाल में बीते दिनों भड़के हिंसक प्रदर्शनों के बाद अब आंदोलनकारी युवाओं के बीच भी गहरी फूट साफ दिखने लगी है. जेन-ज़ी गुट, जो अब तक भ्रष्टाचार और राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतरे थे, अब आपस में ही भिड़ने लगे हैं. हालात इतने बिगड़ गए कि कई जगह युवाओं के बीच हाथापाई तक हो गई. 

आखिर क्यों भिड़ गए आंदोलनकारी? 

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दरअसल, अंतरिम प्रधानमंत्री पद को लेकर जेन-ज़ी के बीच मतभेद सामने आया है. एक गुट पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहता है, जबकि दूसरा गुट काठमांडू के मेयर और लोकप्रिय नेता बालेंद्र शाह को आगे करने की मांग कर रहा है. हालांकि, बालेन शाह ने साफ कर दिया है कि वह प्रधानमंत्री पद नहीं लेना चाहते. उनका कहना है कि संसद को भंग किए बिना वह किसी भी अंतरिम सरकार का हिस्सा नहीं होंगे.

आखिर कौन बनेगा अंतिरम पीएम? 

शाह के समर्थक खुले तौर पर सुशीला कार्की का विरोध कर रहे हैं. जबकि आंदोलन के शुरुआती दौर में कार्की का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था. लेकिन जैसे-जैसे प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया, आंदोलनकारियों के भीतर विरोध भी तेज हो गया. इसी बीच, “लाइट मैन” के नाम से मशहूर नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमान घीसिंग का नाम भी अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने आया. हालांकि, इस पर भी सहमति बनती नहीं दिख रही. 

हिंसक प्रदर्शन में 1300 से अधिक लोग घायल

हिंसा की पृष्ठभूमि बेहद भयावह है. सोमवार और मंगलवार को हुए प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की मौत हो गई है और 1300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हालात इतने बेकाबू हो गए कि हजारों कैदी जेलों से फरार हो गए. इसके अलावा, राजधानी काठमांडू समेत कई बड़े शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.

पीएम और प्रेसिडेंट ने दिया इस्तीफा

इस भारी दबाव और लगातार बिगड़ती स्थिति के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को पद छोड़ना पड़ा सत्ता खाली होने के बाद अब अंतरिम नेतृत्व को लेकर खींचतान और तेज़ हो गई है.  फिलहाल, नेपाल जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें एक ओर जनता भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता से निजात चाहती है, वहीं दूसरी ओर आंदोलनकारी गुटों का बंटवारा हालात को और पेचीदा बना रहा है. असली सवाल यही है कि क्या देश इस अराजकता से निकलकर किसी साझा नेतृत्व पर भरोसा कर पाएगा या फिर सत्ता संघर्ष और गहराएगा.

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