इजरायल का बड़ा खुलासा, ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला के पीछे हमास की फंडिंग और साजिश

गाजा की ओर बढ़ रहे ग्लोबल सुमुद बेड़े ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. इजराइल ने कहा है कि उसके सैनिकों ने गाजा में ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनसे पहली बार साबित होता है कि इस विशाल काफिले की योजना और वित्तपोषण में हमास की सीधी भूमिका थी.

गाजा की ओर बढ़ रहे ग्लोबल सुमुद बेड़े ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. इजराइल ने कहा है कि उसके सैनिकों ने गाजा में ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनसे पहली बार साबित होता है कि इस विशाल काफिले की योजना और वित्तपोषण में हमास की सीधी भूमिका थी.

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Ravi Prashant
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Global Sumud flotilla

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू Photograph: (ANI)

गाजा के लिए रवाना हुई ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला पर नए विवाद ने जन्म ले लिया है. इजरायल ने कहा है कि उसके सैनिकों को गाजा से ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो पहली बार यह साबित करते हैं कि इस विशाल काफिले की योजना और फंडिंग में हमास की सीधी भूमिका रही. बुधवार को इजरायली बलों ने इस काफिले को रोक लिया था.

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इसमें 40 से अधिक जहाज और 44 देशों से आए 500 से ज़्यादा प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और नेल्सन मंडेला के पोते ज़्वेलिवेलिले मंडेला भी थे. आयोजकों का कहना था कि मिशन मानवीय था और गाजा में दवाइयां व खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए किया गया. 

इजरायल की ओर से पेश सबूत

इजरायली विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि गाजा में बरामद दस्तावेज़ पैलेस्टिनियन कॉन्फ्रेंस फॉर पालेस्टिनियंस (PCPA)से हमास के सीधे जुड़ाव को दिखाते हैं. PCPA की स्थापना 2018 में हुई थी और इजरायल ने 2021 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था. मंत्रालय के अनुसार, यह संगठन हमास का विदेशी मुखौटा है, जो दूतावास जैसे ढांचे के तहत प्रदर्शन, मार्च और फ्लोटिला अभियान चलाता है.

दो प्रमुख दस्तावेज

इजरायल ने दो अहम दस्तावेज सार्वजनिक किए. पहला, 2021 का एक पत्र, जिस पर हमास के तत्कालीन राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया के हस्ताक्षर हैं. इसमें उन्होंने PCPA प्रमुख को समर्थन और एकता की अपील की थी. इजरायल का कहना है कि यह पत्र हमास नेतृत्व की सीधी भागीदारी को साबित करता है. दूसरा, हमास चौकी से मिली एक सूची जिसमें PCPA के कई वरिष्ठ सदस्यों के नाम थे. 

इसमें जाहेर बिरावी का नाम भी शामिल है, जिन्हें ब्रिटेन स्थित हमास विंग का प्रमुख बताया गया है. बिरावी 2010 के मावी मरमारा फ्लोटिला से भी जुड़े रहे हैं. सूची में स्पेन आधारित सैफ अबू कश्क का भी नाम है, जिन्हें साइबर नेपच्यून नामक कंपनी का सीईओ बताया गया. इजरायल का आरोप है कि इसी कंपनी के जरिए दर्जनों जहाज खरीदे गए और गुपचुप तौर पर फ्लोटिला अभियान संचालित हुआ.

आयोजकों का जवाब

फ्लोटिला आयोजकों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना है कि पूरा अभियान मानवीय था और जहाजों पर केवल खाद्य सामग्री व दवाइयां थीं. आयोजकों ने इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में अवैध रूप से घुसकर बेड़े को रोकने का आरोप लगाया. यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय बहस का केंद्र बन गया है कि क्या ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला वास्तव में मानवीय मिशन था या फिर हमास की एक गुप्त साजिश.

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