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hafiz saeed Photograph: (social media)
पाकिस्तान में आतंक के आका हाफिज सईद को अपने ही घर में डर का सामना करना पड़ रहा है. तहरीक-ए-तालिबान से वह इस कदर घबराया हुआ है कि उसने अपनी रैली को टाल दिया है. इसकी तस्दीक उसके वीडियो ने भी की है. इस भीड़ में आतंकी कह रहा है कि अमीर-ए-मोहतर्म (हाफिज सईद) ने रैली को टालने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि लश्कर के सारे नेता आतंकी सईद को इस नाम से पुकारते हैं. ISI के आदेश के बाद 2 नवंबर कोलाहौर में होने वाली मिनार-ए-पाकिस्तान रैली को आगे शिफ्ट कर दिया गया है. अभी नई तारीख सामने नहीं आई है. ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले लश्कर के नेताओं का दावा था कि इसमें खुद हाफिज सईद शामिल होने वाला था.
रैली को लेकर क्या बोला
हाफिज की रैली को लेकर सभी तरह की तैयारियां को पूरा हो चुकी थीं. जिस स्थान पर रैली होनी थी, वहां पर एक जगह पर का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. इस वीडियो में दिखा कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को शहीद का दर्जा दिया जा रहा है. इन आ​तंकियों के नाम पोस्टर पर मौजूद हैं.
क्यों है ये डर
हाफिज सईद को तहरीक-ए-तालिबान का डर सता रहा है. इसकी वजह है कि तालिबान की शक्ति और प्रभाव कहीं न कहीं उसकी अपनी सत्ता और आतंकी गतिविधियों के लिए खतरा है. हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है. भारत में कई आतंकी हमलों के लिए वह जिम्मेदार बताया जाता है. वह पाकिस्तान में खुलेआम आतंकी संगठन चला रहा है. उसकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और सेना के जवान लगे रहते हैं.
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