/newsnation/media/media_files/2025/05/28/ujDpQMPSrwAZ58XUDC2r.jpg)
अमेरिका में हुआ पढ़ना मुश्किल Photograph: (Freepik)
अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया अब और सख्त हो गई है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत व्हाइट हाउस ने संकेत दिया है कि अब छात्र वीज़ा इंटरव्यू से पहले आवेदकों के सोशल मीडिया पोस्ट्स की गहन जांच की जाएगी. यह कदम पिछले साल अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में हुए बड़े पैमाने के प्रो-फ़िलिस्तीन प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है.
इस नीति का खुलासा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा भेजे गए एक आंतरिक मेमो के जरिए हुआ, जिसमें बताया गया कि सभी नए वीज़ा आवेदकों विशेष रूप से F, M और J कैटेगरी (स्टूडेंट्स और एक्सचेंज विज़िटर) के सोशल मीडिया हिस्ट्री की जांच अब स्टैंडर्ड प्रक्रिया का हिस्सा होगी.
अब नियम सभी छात्रों पर होंगे लागू
इससे पहले भी सोशल मीडिया की सीमित जांच होती थी, लेकिन वह सिर्फ उन्हीं छात्रों पर लागू होती थी जो पहले से अमेरिका में पढ़ रहे थे और दोबारा वीज़ा ले रहे थे. अब यह नियम सभी नए आवेदकों पर लागू होगा. हालांकि जिन छात्रों की इंटरव्यू डेट पहले से तय है, उनकी प्रक्रिया मौजूदा नियमों के तहत जारी रहेगी. लेकिन नए इंटरव्यू अपॉइंटमेंट फिलहाल रोके गए हैं जब तक नई गाइडलाइन लागू नहीं होती.
छात्रों की पुरी तरह से की जाएगी जांच
विदेश मंत्री रुबियो ने अपने बयान में कहा, “विदेश विभाग मौजूदा वीज़ा स्क्रीनिंग और वेटिंग प्रक्रियाओं की समीक्षा कर रहा है और उसी के आधार पर सोशल मीडिया जांच के विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे.” एक प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “चाहे कोई छात्र के रूप में आ रहा हो या किसी अन्य वीज़ा कैटेगरी में, हम पूरी तरह से गहन जांच के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्ट करने के बाद बवाल
यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है. माना जा रहा है कि सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी विदेशी छात्र की विचारधारा देश की आंतरिक शांति या नीतियों के खिलाफ न हो. नई नीति के लागू होने के बाद भारतीय समेत दुनिया भर के छात्रों को अपने सोशल मीडिया हिस्ट्री को लेकर सतर्क रहना होगा. उनके पोस्ट, कमेंट और ऑनलाइन गतिविधियों की जांच अब सीधे उनके वीज़ा निर्णय को प्रभावित कर सकती है.
ये भी पढ़ें- ‘Golden Dome' के सपने पर पानी फेरेगा कनाडा, क्या करेंगे प्रेसिडेंट ट्रंप?