अफगानिस्तान में भूकंप के झटकों ने लील ली 800 जिंदगियां, भारी तबाही के पीछे ये तीन कारण

अफगानिस्तान में रविवार को देर रात आए भूकंप ने 800 लोगों की जान ले ली. दुर्गम रास्ते होने कारण यहां पर राहत और बचाव का काम अभी भी जारी है.

अफगानिस्तान में रविवार को देर रात आए भूकंप ने 800 लोगों की जान ले ली. दुर्गम रास्ते होने कारण यहां पर राहत और बचाव का काम अभी भी जारी है.

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Mohit Saxena
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afghanistan earthquake Photograph: (social media)

अफगानिस्तान में रविवार देर रात तेज भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचाई. इसके कारण करीब 800 लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब 2800 लोगों के घायल होने की सूचना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर दूर था. यहां पर करीब दो लाख की आबादी रहती है. यह देश के पांचवें बड़े शहरों में एक है. रात में आए भूकंप के बाद यहां पर अभी राहत और बचाव कार्य जारी है. अभी भी कई जिंदगियों मलबे के नीचे दबी हो सकती हैं. भूकंप 6.0 तीव्रता का था. भूकंप से सबसे अधिक नुकसान कुनार प्रांत में देखा गया. यहां पर करीब 600 लोगों की जान चली गई. तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, ये आंकड़े बढ़ भी सकते हैं क्योंकि प्रभावित क्षेत्र दुगर्म और कठिन पहाड़ी क्षेत्र हैं. 

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भारी तबाही होने के कारण ये हैं तीन कारण 

भूकंप से हुए नुकसान की तीन बड़ी वजह हैं. सबसे पहली वजह है कि भूकंप आधी रात को आया. अधिकतर लोग सोए हुए थे, ऐसे में बच निकलने का लोगों का मौका नहीं मिला. वहीं दूसरी सबसे बड़ी वजह है कि पहाड़ों में घरों की बनावट अलग होती है. यह घर मुख्य रूप से मिट्टी और पत्थरों से तैयार किए गए. इस कारण झटकों को इमारतें सह नहीं पाईं. वहीं सतही भूकंप की वजह से धरती हिलने का असर और तेज रहा. कई घर एकाएक ध्वस्त हो गए. लोगों को बाहर निकलने का वक्त नहीं मिल पाया. 

भूकंप का असर राजधानी तक 

इस भूकंप असर देश के अन्य इलाकों में भी महसूस किया गया. कुनार और नंगरहार ही नहीं बल्कि लगमान प्रांत तक इसका असर दिखा. ये झटके काबुल तक पहुंचे. राजधानी में लोग काफी देर तक घरों से बाहर निकले रहे. कुनार क्षेत्र काफी दुर्गम है. अंतरराष्ट्रीय सहायता को यहां पर पहुंचाना आसान नहीं है. यहां पर राहत और बचाव अभियान जारी है. अभी भी मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है. 

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