US News: अमेरिकी नौसेना के लिए बनेगा नया युद्धपोत, ट्रंप ने ‘गोल्डन फ्लीट’ योजना का किया एलान, साथ ही भारत-पाक संघर्ष रोकने का दावा दोहराया

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नौसेना के लिए एक विशाल और शक्तिशाली नए युद्धपोत बनाने की योजना का एलान किया है. उन्होंने इसे ‘गोल्डन फ्लीट’ का हिस्सा बताया और कई वैश्विक संघर्ष रोकने का दावा दोहराया.

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नौसेना के लिए एक विशाल और शक्तिशाली नए युद्धपोत बनाने की योजना का एलान किया है. उन्होंने इसे ‘गोल्डन फ्लीट’ का हिस्सा बताया और कई वैश्विक संघर्ष रोकने का दावा दोहराया.

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Deepak Kumar
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Donald Trump on US peace plan for Ukrain

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (X@WhiteHouse)

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नौसेना के लिए एक नए और बेहद शक्तिशाली युद्धपोत बनाने की योजना का एलान किया है. उन्होंने इस प्रस्तावित जहाज को ‘बैटलशिप’ बताया और कहा कि यह उनकी महत्वाकांक्षी “गोल्डन फ्लीट” योजना का हिस्सा होगा. ट्रंप का दावा है कि यह युद्धपोत अब तक बने किसी भी नौसैनिक जहाज से ज्यादा बड़ा, तेज और ताकतवर होगा.

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फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह नया युद्धपोत द्वितीय विश्व युद्ध के समय बने आयोवा-श्रेणी के युद्धपोतों से भी ज्यादा लंबा और विशाल होगा. उनके मुताबिक, इसमें अत्याधुनिक हथियार लगाए जाएंगे, जिनमें हाइपरसोनिक मिसाइलें, रेल गन और हाई-पावर लेजर शामिल होंगे. हालांकि, ये सभी तकनीकें अभी विकास के चरण में हैं और नौसेना इन पर काम कर रही है.

ट्रंप सरकार के लिए चुनौती

ट्रंप का यह एलान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी नौसेना को नए जहाजों के निर्माण में देरी और लागत बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में नौसेना ने एक छोटे युद्धपोत की योजना रद्द कर दी थी और उसकी जगह पहले से बने कोस्ट गार्ड कटर के संशोधित मॉडल को अपनाने का फैसला लिया था. इसके अलावा, फोर्ड-क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर और कोलंबिया-श्रेणी के पनडुब्बियों जैसी बड़ी परियोजनाएं भी समय और बजट से पीछे चल रही हैं.

इतिहास में ‘बैटलशिप’ शब्द भारी कवच वाले बड़े युद्धपोतों के लिए इस्तेमाल होता रहा है, जिनका उपयोग समुद्री लड़ाई और तटीय हमलों के लिए किया जाता था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इनकी अहमियत कम हो गई और इनकी जगह एयरक्राफ्ट कैरियर और लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों ने ले ली. अमेरिका ने 1990 के दशक में अपने आखिरी आयोवा-श्रेणी के युद्धपोतों को भी सेवा से हटा दिया था.

ट्रंप ने फिर दोहराया अपना दावा

इसी बीच, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने आठ बड़े संघर्षों को सुलझाने में भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में उन्होंने अहम योगदान दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध ऐसा एकमात्र संघर्ष है, जिसे वह अब तक सुलझा नहीं पाए हैं.

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