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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (social media)
Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार पूरी दुनिया के सामने अपनी धाक बनाने के ​चक्कर में बड़े-बड़े निर्णय ले रहे हैं. अब उन्होंने फैसला लिया है कि वे जी-20 समिट में शामिल नहीं होने वाले हैं. उन्होंने बयान दिया कि इस माह के अंत में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले सम्मेलन में अमेरिका का कोई अधिकारी शामिल नहीं होने वाला है.इसके पीछे बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप साउथ अफ्रीका से नाराज हैं.
सरकारी अधिकारी इसमें भाग नहीं लेने वाले: डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने इसके पीछे साउथ अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार का हवाला दिया है. आयोजकों को उम्मीद थी कि अगर ट्रंप नहीं जाएंगे तो उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जरूर शामिल होने वाले हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया ट्रूथ पर​ लिखा कि यह काफी शर्मनाक है कि जी-20 दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहा है. यहां पर अफ्रीकनर्स (डच फ्रांसीसी व जर्मन प्रवासियों के वंशज) को खत्म किया जा रहा है. उनकी जमीनों और खेतों पर कब्जा हो रहा है. इस तरह से जब तक मानवाधिकारों का ऐसे हनन होता रहेगा, तब तक अमेरिकी सरकारी अधिकारी इसमें भाग नहीं लेने वाले हैं.’
फ्लोरिडा में जी-20 की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं: ट्रंप
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वे 2025 नवंबर में होने वाले सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने वर्ष 2026 के जी-20 समिट में शामिल होने की पुष्टि की है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वे 2026 में मियामी, फ्लोरिडा में जी-20 की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं.’ राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बार बहिष्कार के पीछे देश में श्वेत किसानों के साथ दुर्व्यवहार को होना असली वजह है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन लंबे वक्त से साउथ अफ्रीकी सरकार पर अल्पसंख्यक श्वेत अफ्रीकनर्स किसानों को सताने और उन पर हमले की इजाजत के आरोप लगाते रहे हैं. इतना ही नहीं, ट्रंप ने सुझाव दिया कि दक्षिण अफ्रीका को G20 से पूरी तरह से हटा दिया जाना चाहिए. इन आरोपों को दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
दक्षिण अफ्रीका की ओर प्रतिक्रिया
अमेरिका के आरोपों पर दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कहा कि वह भेदभाव के आरोपों से पूरी तरह से हैरान हैं. बयान में कहा गया कि देश में श्वेत लोगों का जीवन स्तर अश्वेत निवासियों की अपेक्षा काफी बेहतर रहा है. वहीं श्वेत अल्पसंख्यक शासन की रंगभेदी व्यवस्था की समाप्ति के तीन दशक के अधिक का समय बीत चुका है. साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का कहना है कि उन्होंने ट्रंप को जानकारी दी कि अफ्रीकी लोगों के संग भेदभाव और उत्पीड़न की सूचना हर तरह झूठी है.
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