चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई, भारत-चीन के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि तियानजिन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक हुई. इस बीच दोनों पक्षों में कई अहम मामलों पर सहमति बनी.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि तियानजिन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक हुई. इस बीच दोनों पक्षों में कई अहम मामलों पर सहमति बनी.

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Mohit Saxena
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pm modi Photograph: (social media)

पीएम मोदी के चीन दौरे को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पूरा ब्योरा दिया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा ​कि पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रिय और वैश्विक मामलों पर चर्चा हुई. आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दोनों देशों ने एकजुटता दिखाई. सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर सहमित बनी. 

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मिस्री ने कहा कि दोनों देशों ने साझा सोच को आगे बढ़ाने की खास पहल की है. बातचीत के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि मतभेदों को विवाद में बदलने नहीं देना है. चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई. दोनों नेता समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस दौरान एक साल से कम समय में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बैठक थी. 

पीएम मोदी और शी जिनपिंग की पिछली बैठक बीते साल अक्टूबर में कजान में हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी. दोनों पक्षों ने इस दौरान कुछ लक्ष्य भी तय किए थे.

PM मोदी ने जिनपिंग को दिया निमंत्रण 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को BRICS समिट न्योता दिया. राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस निमंत्रण के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया. भारत की BRICS अध्यक्षता के लिए चीन का पूर्ण समर्थन देने का प्रयास किया.  

पुतिन के संग PM मोदी की बैठक

विदेश सचिव विक्रम मिस्री का कहना है कि विश्व व्यापार को स्थिर करने में भारतीय और चीनी अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को अहम माना है. दोनों नेताओं ने एक बार फिर अपने द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने दोनों दिशाओं में द्विपक्षीय व्यापार और निदेश से संबंधी को सुगम बनाने पर जोर रहा. विदेश सचिव ने कहा कि सोमवार को पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संग द्विपक्षीय बैठक होगी. इसके अलावा पीएम  मोदी शिखर सम्मेलन के सत्र को  संबोधित करेंगे. यहां वे SCO के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देंगे. यहां पर वे भारत के दृष्टिकोण को सामने रखेंगे. इसके बाद वे भारत रवाना होंगे. 

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