भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में बड़ा एलान, ट्रंप ने की भारत को F-35 से लेकर Javelin और स्ट्राइकर बेचने की पेशकश

PM Modi US Visit: अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करने के साथ-साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत भी की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम रक्षा सहयोग से जुड़े समझौते भी हुए.

Suhel Khan & Madhurendra Kumar
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PM Modi and Trump Meeting

भारत-अमेरिका के बीच हुए ये रक्षा समझौते

PM Modi US Visit: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग एक नए युग में प्रवेश कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में रक्षा समझौतों और रणनीतिक साझेदारी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं की घोषणा की गई. आइए जानते हैं इस साझेदारी में क्या खास है?

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भारत को मिलेगा F-35 स्टील्थ फाइटर जेट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत को अत्याधुनिक F-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का रास्ता खोलेगा. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई. वर्तमान में F-35 स्टील्थ फाइटर जेट के साथ अमेरिकी एयरफोर्स पायलट बेंगलुरु के येलहांका एयर बेस पर आयोजित एरो इंडिया 2025 में भी प्रदर्शित कर रहे हैं. यह भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को एक नई दिशा देगा.

भारत-अमेरिका के बीच 10 वर्षीय रक्षा साझेदारी समझौता

दोनों देशों के नेताओं ने रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष एक नए दस वर्षीय "अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी ढांचा" पर हस्ताक्षर करने की योजना की घोषणा की गई. यह समझौता दोनों देशों की रणनीतिक रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा साथ ही रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग सुनिश्चित करेगा.

अमेरिकी रक्षा उपकरणों की सूची में होगा विस्तार

दोनों नेताओं ने भारत की रक्षा सूची में पहले से शामिल अमेरिकी रक्षा प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया. इनमें C‑130J सुपर हरक्यूलिस, C‑17 ग्लोबमास्टर III, P‑8I पोसीडॉन विमान शामिल हैं.  इनके अलावा CH‑47F चिनूक, MH‑60R सीहॉक, AH‑64E अपाचे हेलिकॉप्टर को शामिल किया गया है.

हथियार प्रणालियां: हार्पून एंटी-शिप मिसाइलें, M777 हॉवित्जर तोपें
ड्रोन: MQ‑9B सी गार्जियन ड्रोन
इस रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ संयुक्त उत्पादन और नई खरीद की योजना की घोषणा की है. जिसके तहत Javelin एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों का सह-उत्पादन भारत में किया जाएगा. इसके अलावा Stryker इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (सैनिक युद्ध वाहन) का सह-निर्माण भी भारत में ही होगा. वहीं भारतीय नौसेना की समुद्री गश्ती क्षमता बढ़ाने के लिए भारत छह अतिरिक्त P‑8I मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट खरीदेगा.

रक्षा व्यापार और तकनीकी हस्तांतरण में तेजी

भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार और सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 (STA‑1) सूची का सदस्य मानते हुए दोनों देशों ने रक्षा व्यापार और तकनीकी हस्तांतरण को सरल बनाने का निर्णय लिया. इसके तहत दोनों देश अपने-अपने आयात-निर्यात हथियार नियंत्रण नियमों (ITAR) की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही पारस्परिक रक्षा खरीद  (RDP) समझौते पर वार्ता शुरू करेंगे, जिससे रक्षा उपकरणों और सेवाओं की आपसी आपूर्ति को सरल बनाया जा सके. अमेरिका भारत के साथ रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को वायु रक्षा, मिसाइल प्रणाली, समुद्री और पनडुब्बी तकनीक तक विस्तारित करेगा. भारत को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स (5th Gen Fighters) और पनडुब्बी प्रणालियों की आपूर्ति नीति की समीक्षा की जाएगी.

‘ASIA’ पहल से ऑटोनॉमस रक्षा तकनीक में सहयोग

रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए यू.एस.-भारत रोडमैप  के तहत दोनों देशों ने स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (ASIA) की घोषणा की है. इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा उद्योग साझेदारी और उत्पादन को बढ़ावा देना है. एंडुरिल इंडस्ट्रीज और महिंद्रा ग्रुप मिलकर उन्नत समुद्री प्रणालियों और एआई-सक्षम मानव रहित हवाई प्रणालियों (AI-enabled UAS) का सह-विकास करेंगे. L3 Harris और भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) मिलकर उन्नत सक्रिय टोड ऐरे सिस्टम का सह-विकास करेंगे.

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सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण में सहयोग

भारत और अमेरिका ने सभी रक्षा क्षेत्रों—वायु, थल, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस—में सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. इसके अंतर्गत टाइगर ट्रिंफ त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास के अगले संस्करण की घोषणा की गई है. यह अभ्यास पहली बार 2019 में हुआ था और इस बार इसे अधिक बड़े पैमाने और जटिलता के साथ भारत में आयोजित किया जाएगा. दोनों देश संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीकों का समावेश और अंतर-सेवा समन्वय को बढ़ावा देंगे.

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सैन्य सहयोग

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने नए सैन्य सहयोग की प्रतिबद्धता जताई. इसमें लॉजिस्टिक्स और खुफिया साझेदारी: आपसी सैन्य अभियानों और मानवीय सहायता मिशनों के लिए संसाधनों और खुफिया जानकारी का साझा उपयोग शामिल हैं.

मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR): क्षेत्रीय आपदाओं के दौरान संयुक्त अभियानों के लिए समन्वय और सहयोग.

सैन्य बलों की गतिशीलता: संयुक्त अभियानों और मानवीय मिशनों के लिए सैन्य संसाधनों की त्वरित तैनाती की व्यवस्था.

भारत और अमेरिका के बीच यह रक्षा साझेदारी केवल सैन्य खरीद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तकनीकी सहयोग, संयुक्त उत्पादन और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को भी कवर करती है. F-35 स्टील्थ फाइटर जेट की डील, दस वर्षीय रक्षा साझेदारी समझौता, और ‘ASIA’ जैसी पहलें भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी. इस समझौते से भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा और वैश्विक रणनीतिक संतुलन में भारत की भूमिका और मजबूत होगी.

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