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पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुए ये समझौते
PM Modi US Visit: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की पहली अमेरिकी यात्रा दोनों देशों के संबंधों में नई इबारत लिख रही है. व्हाइट हाउस में दोनों राष्ट्राध्यक्षों की हुई मुलाकात और द्विपक्षीय बातचीत के बाद ज्वाइंट स्टेटमेंट सामने आ गयी है. दोनों ही राष्ट्राध्यक्षों ने आपसी सहयोग और समझौते को नई धार दी है जिसमें भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया गया है.
21वीं सदी के लिए नया समझौता
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने एक नई पहल- "यूएस-इंडिया कॉम्पेक्ट (Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology)" का शुभारंभ किया. इस पहल के तहत रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.
रक्षा क्षेत्र में गहरा सहयोग
10 वर्षीय रक्षा साझेदारी समझौता: दोनों देशों ने इस वर्ष एक नया दस वर्षीय U.S.-India Major Defense Partnership Framework साइन करने की घोषणा की.
सामरिक रक्षा उपकरणों का विस्तार
भारत की सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए अमेरिका से C-130J सुपर हरक्यूलिस, C-17 ग्लोबमास्टर, P-8I पोसाइडन, AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर, और MQ-9B ड्रोन की खरीद और सह-उत्पादन पर सहमति बनी.
नई रक्षा खरीद
भारत में ही 'Javelin' एंटी-टैंक मिसाइल और 'Stryker' कॉम्बैट वाहन के सह-निर्माण की योजना घोषित की गई. साथ ही 6 अतिरिक्त P-8I पोसाइडन विमान खरीदने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया.
रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी विनिमय
दोनों देशों ने रक्षा व्यापार नियमों में सुधार के लिए पारस्परिक रक्षा खरीद (RDP) समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया.
स्वायत्त रक्षा प्रौद्योगिकी
इसके साथ ही नई "स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (ASIA)" पहल के तहत भारत और अमेरिका मिलकर उन्नत समुद्री और AI-आधारित ड्रोन तकनीक का सह-निर्माण करेंगे.
सैन्य अभ्यास: आगामी "Tiger Triumph" त्रि-सेवा अभ्यास को बड़े पैमाने पर आयोजित करने की घोषणा हुई.
व्यापार और निवेश में नई ऊंचाई: मिशन 500
वहीं द्विपक्षीय व्यापार में नया लक्ष्य: 2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाने के लिए "Mission 500" लॉन्च किया गया है. बहु-क्षेत्रीय व्यापार समझौता (BTA): दोनों देशों ने इस वर्ष के अंत तक पहला बहु-क्षेत्रीय व्यापार समझौता (BTA) करने की घोषणा की.
निवेश और रोजगार: अमेरिकी उद्योगों में भारतीय कंपनियों के $7.35 बिलियन निवेश से 3000 से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ.
आयात-निर्यात में सुधार: भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों और मेडिकल डिवाइसेस पर शुल्क में कटौती की. वहीं, अमेरिका ने भारतीय आम और अनार के आयात में छूट दी.
ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग
परमाणु ऊर्जा में बड़ा समझौता: दोनों देशों ने भारत में अमेरिकी डिज़ाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए 'अमेरिका-भारत 123 असैन्य परमाणु समझौता' को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA): अमेरिका ने भारत की IEA की पूर्ण सदस्यता का समर्थन किया.
हाइड्रोकार्बन व्यापार: अमेरिका से कच्चे तेल और एलएनजी की आपूर्ति बढ़ाने पर सहमति बनी.
ऊर्जा अवसंरचना निवेश: तेल और गैस पाइपलाइन सहित ऊर्जा अवसंरचना में संयुक्त निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई.
प्रौद्योगिकी और नवाचार में साझेदारी: TRUST पहल
TRUST पहल का शुभारंभ: दोनों नेताओं ने "U.S.-India TRUST (रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रिश्ते को बदलना)" पहल की शुरुआत की.
AI और सेमीकंडक्टर: दोनों देशों ने इस वर्ष के अंत तक एक संयुक्त AI अवसंरचना रोडमैप जारी करने का संकल्प लिया.
INDUS Innovation ब्रिज: उभरती प्रौद्योगिकियों में साझेदारी के लिए नया INDUS Innovation ब्रिज लॉन्च किया गया.
चंद्र मिशन और अंतरिक्ष सहयोग: दोनों देशों ने 2025 में संयुक्त रूप से भारतीय अंतरिक्ष यात्री को ISS (International Space Station) भेजने और NISAR मिशन लॉन्च करने की घोषणा की.
बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा
इंडो-पैसिफिक में सहयोग: दोनों नेताओं ने स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.
क्वाड शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को आमंत्रित किया.
भारतीय महासागर क्षेत्र: दोनों देशों ने "Indian Ocean Strategic Venture" पहल की शुरुआत की, जिसमें डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए एक बहु-अरब डॉलर की अंडरसी केबल परियोजना शामिल है.
जन-जन के संबंध और शिक्षा में सहयोग
शिक्षा और छात्र विनिमय: अमेरिका में पढ़ रहे 3 लाख भारतीय छात्र, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में $8 बिलियन से अधिक का योगदान करते हैं, के लिए शिक्षा संबंधी नई पहल की घोषणा की गई.
संयुक्त डिग्री प्रोग्राम: दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त डिग्री और ट्यूशन प्रोग्राम को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया.
वीजा और आव्रजन सुधार: छात्रों और पेशेवरों के लिए कानूनी वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अवैध आव्रजन पर सख्त कार्रवाई का निर्णय हुआ.
राष्ट्रधक्षों का संदेश
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी को वैश्विक शांति, समृद्धि और समावेशी विकास के लिए एक आदर्श मॉडल बताया. दोनों नेताओं ने भविष्य में आपसी सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए निरंतर संवाद और उच्चस्तरीय बैठकों की प्रतिबद्धता व्यक्त की.