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Bangladesh Violence: बांग्लादेश इस समय गंभीर अशांति और हिंसा के दौर से गुजर रहा है. देश में लगातार विरोध प्रदर्शन, आगजनी और कट्टरपंथी हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. हालात उस समय और बिगड़ गए, जब जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद सड़कों पर हंगामा शुरू हो गया. इसी बीच मयमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. मृतक युवक का नाम दीपू चंद्र दास बताया जा रहा है. तो आइए जानते हैं आखिर कौन था ये शख्स.
ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक की हत्या
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला इलाके में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक पर कथित ईशनिंदा का आरोप लगाया गया. गुरुवार (18 दिसंबर) रात करीब 9 बजे गुस्साई भीड़ ने उसे पकड़ लिया और बेरहमी से पीटते हुए मार डाला. इसके बाद भीड़ ने उसके शव को पेड़ से बांधा और आग लगा दी. यह घटना डुबालिया पाड़ा इलाके में हुई.
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात पर काबू पाया. फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए मयमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है और युवक के परिजनों की तलाश की जा रही है. उनके सामने आने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कौन था दीपू चंद्र दास?
पुलिस के मुताबिक, दीपू चंद्र दास एक साधारण मजदूर था और स्थानीय गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था. वह किराए के मकान में रहता था. आरोप है कि उसने इस्लाम को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह हिंसक घटना हुई. इस मामले ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
देखिए वीडियो…
हादी की मौत के बाद उबाल
दूसरी ओर, जुलाई विद्रोह के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन तेज हो गए हैं. हादी को पिछले हफ्ते सिर में गोली लगने के बाद इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई. इसके बाद कई शहरों में आगजनी और नारेबाजी देखने को मिल रही है.
भारत ने जताई चिंता
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है. विदेश मामलों की संसदीय समिति ने कहा है कि अगस्त 2024 के बाद से बांग्लादेश में हिंसा, अस्थिरता और अल्पसंख्यकों व मीडिया पर हमले बढ़े हैं. कुल मिलाकर, बांग्लादेश में हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं और क्षेत्रीय चिंता का विषय बनते जा रहे हैं.
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