Explainer: बांग्लादेश में भारत-विरोधी आग, हादी की मौत के बाद सड़कों पर 'दिल्ली का सिर काटो' नारे; पाक-चीन की साजिश?

Osman Hadi death Bangladesh violence: यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह अवामी लीग को प्रतिबंधित कर चुनावों में हेरफेर कर रही है और अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, अहमदी) पर हमलों को नजरअंदाज कर रही है.

Osman Hadi death Bangladesh violence: यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह अवामी लीग को प्रतिबंधित कर चुनावों में हेरफेर कर रही है और अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, अहमदी) पर हमलों को नजरअंदाज कर रही है.

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Amit Kasana
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बांग्लादेश हिंसा का प्रतिकात्मक फोटो

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Sharif Osman Hadi death Bangladesh protests: बांग्लादेश में हिंसा हो रही है, यहां सड़कों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों उतरे हुए हैं और जगह-जगह आगजनी और बवाल मचा हुआ है. खास बात यह है कि प्रदर्शनकारी भारत विरोधी नारे लगा रहे हैं. हिंसक प्रदर्शनकारियों ने राजशाही में भारतीय सहायक उच्चायोग पर पत्थरबाजी की और ढाका में जमकर भारत के विरोध में प्रदर्शन किया जिससे अब भारत सरकार भी सतर्क हो गई है.

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इस पूरे मुद्दे पर भारत ने बांग्लादेश के राजदूत को तलब किया और अपने मिशनों की सुरक्षा पर चिंता जताई है. इसके अलावा राजशाही और खुलना में वीजा सेंटर बंद कर दिए गए. उधर, प्रदर्शन और हिंसा से बांग्लादेश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता पैदा हो गई है।

अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर बांगलादेश में यह बवाल क्यों मचा, इसके पीछे क्या कारण हैं, और इसका क्या मतलब है? आइए इस Explainer में आपको इन सब सवालों के जवाब देने का प्रयास करते हैं.

बांग्लादेश हिंसा का कारण क्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की अस्पताल में मौत होने के बाद देर रात से देश में हिंसा होने लगी और देखते ही देखते इसने विकराल रूप ले लिया. प्रदर्शनकारी  सड़कों पर उतर आए, वाहनों को रोककर उनमें  आग लगा दी. जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई.

बांग्लादेश हिंसा में भारत-विरोधी नारेबाजी क्यों हो रही है?

प्रदर्शनकारियों ने ढाका में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 'दिल्ली को सिर काटो' जैसे नारे लगाए. इतना ही नहीं उग्र प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके. बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार  प्रदर्शनकारी भारत सरकार को अपने खिलाफ मानते हैं. क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद दिल्ली में शरण ली और भारत सरकार ने उनका साथ दिया.

बांग्लादेश  में कब होने हैं आम चुनाव, कैसे हुआ पूर्व पीएम शेख हसीना का पतन?

फिलहाल बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है. फरवरी 2026 में यहां आम चुनाव होने हैं. बता दें अगस्त 2024 से शेख हसीना का पतन शुरू हुआ था जब छात्र-आंदोलन से देश में आग भड़की और फिर दंगों के बाद हसीना को देश छोड़कर भारत आकर अपनी जान बचानी पड़ी थी. इस सब के बीच अंतरिम सरकार पर भारत-विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं. यही वजह है कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान और चीन के काफी करीबी हो गया है और इन बिगड़े हालातों में भारत-बांग्लादेश व्यापार सीमा सुरक्षा और ऊर्जा सहयोग बाधित है. 

शेख हसीना के देश में न होने पर बांग्लादेश में हिंसा का कारण मतलब है?

दरअसल, यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह अवामी लीग को प्रतिबंधित कर चुनावों में हेरफेर कर रही है और अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, अहमदी) पर हमलों को नजरअंदाज कर रही है.यूनुस पर पाकिस्तान से सांठ-गांठ करने के भी आरोप लगे हैं. इसके अलावा हाल ही में पूर्व पीएम शेख हसीना ने दिल्ली से 'विजय दिवस' पर बयान दिया कि बांग्लादेश को 1971 के युद्ध में भारत की मदद का कर्ज है. यह बयान प्रदर्शनकारियों को पसंद नहीं आया है इसने चिंगारी को भड़काने का काम किया.

भारत के खिलाफ पाक-चीन की साजिश?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लोदशी हिंसा में कहीं न कहीं चीन की रणनीति भी शामिल है, जो सिलिगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को लेकर है. बहरहाल इस सब के बीच बांग्लादेश की आर्थिक हालत खराब है,  यहां GDP 3.3% पर गिर गई और मुद्रास्फीति 8% से ऊपर है. जबकि गरीबी 28% तक पहुंच गई है. अब भविष्य में देखने वाली बात ये होगी कि इस हिंसा का भारत-बांगलादेश संबंधों पर आगे क्या असर पड़ेगा.

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