मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में काम कर रही सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. यह आलोचना बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुल इस्लाम सिद्दीकी की भारत यात्रा को लेकर हो रही है. सिद्दीकी की यात्रा फरवरी में होने वाली है. इस दौरान बीजीबी और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख के बीच खास वार्ता होगी. यहां की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजीबी प्रमुख की भारत यात्रा के बारे में गोपनीयता रखी जा रही है. इससे यात्रा के लक्ष्यों को लेकर आशंका व्यक्त की गई है.
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कोई गोपनीयता नहीं रखी जा रही
हालांकि बीजीबी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यात्रा को लेकर कोई गोपनीयता नहीं रखी जा रही है. इस तरह कोई प्रयास नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया उनकी छवि को धूमिल कर रही है. बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड का कहना है कि इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश के विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के प्रतिनिधि भी बीजीबी के साथ बैठक में भाग लेने वाले हैं.
बैठक 17-21 फरवरी के आप पास होनी है
बताया जा रहा कि यह बैठक 17-21 फरवरी के आसपास होनी है. बैठक का लक्ष्य है कि सीमा पर तनाव को कम करना है. खासकर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के सुखदेवपुर में हाल ही में सीमा पर हुई झड़पों को लेकर सीमा पर सुरक्षा के हालात पर चिंता बढ़ गई हैं. भारतीय ग्रामीणों ने सीमा पार से अपराधियों के हमलों और बांग्लादेशियों की ओर से उनकी फसलों को चुराने या नष्ट करने की शिकायत की है.
बताया जा रहा कि सीमा सुरक्षा को लेकर 13 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूरल इस्लाम से चर्चा की थी. उनसे सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा की थी. मंत्रालय के अनुसार, भारत ने सीमा पर सुरक्षा प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है. बांग्लादेश से उम्मीद जताई कि वह भी इन समझौतों को लागू करेगा. सीमा पार अपराधों से निपटने को लेकर सहयोग करेगा. भारत ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सीमा पर अपराध मुक्त स्थिति बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगा. इसमें कांटेदार तार की बाड़ की व्यवस्था के साथ सीमा पर प्रकाश और तकनीकी उपकरणों को शामिल किया गया है.