Bangladesh: बांग्लादेश की सियासत में भूचाल, पूर्व PM खालिदा जिया की हालत बेहद नाजुक, देशभर में दुआओं का दौर तेज

Bangladesh: आलमगीर ने लोगों से प्रार्थना की कि 'लोकतंत्र की जननी' कही जाने वाली बेगम खालिदा जिया जल्द से जल्द स्वस्थ होकर फिर से जनता के बीच लौटें और देश की सेवा कर सकें.

Bangladesh: आलमगीर ने लोगों से प्रार्थना की कि 'लोकतंत्र की जननी' कही जाने वाली बेगम खालिदा जिया जल्द से जल्द स्वस्थ होकर फिर से जनता के बीच लौटें और देश की सेवा कर सकें.

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Yashodhan Sharma
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Bangladesh PM Khaleda Zia

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Former Prime Minister Khaleda Zia Condition: बांग्लादेश की राजनीति इस समय गंभीर उथल-पुथल से गुजर रही है. देश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की अध्यक्ष खालिदा जिया की तबीयत अचानक बेहद खराब हो गई है. 80 वर्षीय खालिदा जिया की बिगड़ती हालत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि पूरे देश की सियासत को हिला दिया है. शुक्रवार को उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया कि चिकित्सक उनकी स्थिति को 'अत्यंत गंभीर' बता रहे हैं.

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कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं खालिदा

खालिदा जिया पिछले कुछ समय से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं. बताया जा रहा है कि उनके सीने में गंभीर संक्रमण पाया गया था, जिसने उनके हृदय और फेफड़ों को प्रभावित किया. संक्रमण बढ़ने के कारण उन्हें पिछले रविवार देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के लगातार प्रयासों के बावजूद उनकी सेहत में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को बीएनपी के नेताओं ने उनकी स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई.

हालत बताई नाजुक

सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के हवाले से बताया कि गुरुवार रात डॉक्टरों ने उन्हें खालिदा की हालत बहुत नाजुक होने की जानकारी दी. इसी वजह से बीएनपी ने देशभर में जुमे की नमाज के बाद उनकी शीघ्र स्वस्थ्यता के लिए विशेष दुआओं का आयोजन किया. आलमगीर ने लोगों से प्रार्थना की कि 'लोकतंत्र की जननी' कही जाने वाली बेगम खालिदा जिया जल्द से जल्द स्वस्थ होकर फिर से जनता के बीच लौटें और देश की सेवा कर सकें.

कौन हैं खालिदा जिया?

खालिदा जिया दिवंगत राष्ट्रपति जिया-उर-रहमान की पत्नी हैं और दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. वह मधुमेह, गुर्दे और यकृत की समस्याओं, गठिया और आंखों से संबंधित बीमारियों से भी लंबे समय से पीड़ित हैं. उनके बड़े बेटे तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं, जबकि छोटे बेटे अराफात रहमान का 2025 में हृदयाघात से निधन हो गया था.

पांच अगस्त 2024 को छात्र नेतृत्व में हुए व्यापक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई, जिसके बाद बीएनपी देश की प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी. इसी बीच खालिदा जिया चार महीने के इलाज के बाद छह मई 2025 को लंदन से वापस ढाका लौटी थीं. अब उनकी बीमारी से बिगड़ी स्थिति ने राजनीतिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है.

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