Bangladesh: शेख हसीना के बाद उनकी पार्टी के हजारों छात्रों की बढ़ी मुश्किल, अवामी लीग के खिलाफ कॉलेजों में हिंसा

Bangladesh News: बांग्लादेश में इस साल जुलाई में शुरू हुआ छात्र आंदोलन शेख हसीना की सरकार को गिराने के बाद भी नहीं थमा. अब अवामी लीग के छात्रों के खिलाफ भी हिंसा शुरू हो गई है.

Bangladesh News: बांग्लादेश में इस साल जुलाई में शुरू हुआ छात्र आंदोलन शेख हसीना की सरकार को गिराने के बाद भी नहीं थमा. अब अवामी लीग के छात्रों के खिलाफ भी हिंसा शुरू हो गई है.

author-image
Suhel Khan
New Update
Sheikh Hasina 28 October

शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री बांग्लादेश (Social Media)

Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब उनकी पार्टी के छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, बांग्लादेश में अवामी लीग की छात्र शाखा 'बांग्लादेश छात्र लीग' (BSL) के नेताओं पर अंतरिम सरकार कार्रवाई करने लगी है. जिसके चलते कॉलेज कैंपस में भी उनके खिलाफ हिंसा शुरू हो गई है.

Advertisment

बता दें कि इस साल अगस्त में छात्र आंदोलन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, इसके साथ ही उन्हें देश भी छोड़ना पड़ा. फिलहाल वह बांग्लादेश में नहीं हैं इसलिए उनकी पार्टी की छात्र विंग बांग्लादेश छात्र लीग के कम से कम 50,000 छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. क्योंकि इन छात्रों के खिलाफ कॉलेज कैंपसों में भी हिंसा हो रही है.

ये भी पढ़ें: लॉरेंस बिश्नोई को मरवाने के लिए इस शख्स ने भेजे 5000 शूटर, सलमान खान के लिए गैंगस्टर से लेगा बदला!

बीसीएल पर आतंकवादी संगठन होने का लगाया आरोप

बता दें कि 23 अक्तूबर को ही मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बीसीएल पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही अवामी लीग के इस छात्र संगठन को आतंकवादी संगठन भी करार दिया. बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के मुताबिक, बीसीएल देश में पिछले 15 वर्षों से दुराचार करती रही है. जिसमें हिंसा, उत्पीड़न और सरकारी संस्थानों का शोषण भी शामिल है.

इस बीच एक छात्र ने कहा कि, 'अभी कुछ समय पहले मैं यहां अधिकार की आवाज था. अब मैं एक भगोड़े की तरह यहां से वहां भाग रहा हूं जिसका कोई भविष्य ही नहीं है. ये केवल एक मामला नहीं है बल्कि उनके जैसे सभी छात्र सहयोगी, जो बांग्लादेश में कॉलेज परिसरों में मजबूत पकड़ रखते हैं वो अब बुरी तरह से टूट चुके हैं.'

ये भी पढ़ें: सावधान! ओडिशा के बाद अब यहां आफत का अलर्ट, 7 दिनों का राशन-पानी घरों में भरने की सलाह, सड़कों पर दिखेगा सिर्फ पानी-पानी

जुलाई में शुरू हुआ था प्रदर्शन

बांग्लादेश में इसी साल जुलाई में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. ये विरोध प्रदर्शन कॉलेज छात्रों ने शुरू किया था. जिसमें उन्होंन मांग की थी कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली को खत्म कर दिया जाए. इसके साथ ही आंदोलनकारी छात्रों ने इस आरक्षण प्रणाली को सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के पक्षधर में बताया था. उसके बाद बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने आरक्षण को रद्द कर दिया. बावजूद छात्रों का आंदोलन रुका नहीं और उन्होंने शेख हसीना को सस्ता से बेदखल करने का आह्वान कर दिया.

ये भी पढ़ें: 20 मिनट में Pappu Yadav के परिवार को खत्म करने की Lawrence Bishnoi गैंग ने दी धमकी, UAE से आया कॉल

छात्रों के आंदोलन से गई शेख हसीना की सरकार

बता दें कि छात्रों का आंदोलन इस कदर बढ़ गया कि बांग्लादेश में हिंसा शुरू हो गई. इस हिंसा में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने लगा, उनके धार्मिक स्थानों पर हमले बढ़ गए. इस आंदोलन में के बाद शुरू हुई हिंसा के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. क्योंकि आंदोलनकारी छात्रों ने प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोल दिया, उसके बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत की शरण लेनी पड़ी.

Bangladesh Awami League Bangladesh violence Sheikh Hasina awami league bangladesh Bangladesh Awami league
      
Advertisment