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Donald Trump Tariffs Photograph: (AI)
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक हलचल मचा ऱखी है. उनकी टैरिफ रणनीति ने दुनिया में तो चर्चाएं शुरू कर ही दी हैं बल्कि अपने ही देश में भी उनकी लगातार नसीहतें मिल रही हैं. हाल में यूएस की पूर्व राजदूत निकी हेली ने भी डोनाल्ड ट्रंप को भारत से रिश्तों में सुधार लाने और टैरिफ वार को खत्म करने की सलाह दी थी. हेली ने ये भी कहा था कि चीन का सामना करना है तो भारत के साथ रिश्तों में मधुरता लाना होगी. निकी ने ट्रंप को बताया था कि अमेरिका के लिए भारत क्यों ज्यादा जरूरी है. यही नहीं निकी के अलावा भी अमेरिका के कई दिग्गज ट्रंप को टैरिफ पर सलाह दे चुके हैं. ताजा मामला अमेरिका के दिग्गज अर्थशास्त्री से जुड़ा है. जिन्होंने ट्रंप को नसीहत दी है कि टैरिफ से भारतीय उत्पाद अमेरिकी मार्केट में महंगे हो जाएंगे जिसका अमेरिका पर सीधा असर पड़ेगा.
क्या है मामला
दरअसल हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ और आगामी 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू करने का फैसला लिया. ये 50 फीसदी टैरिफ आगामी 27 अगस्त से लागू होना है. इससे पहले ही दुनिया में और अमेरिका दोनों में ही इस टैरिफ को हटाने और अमेरिका-भारत के रिश्तों में सुधार लाने पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर ट्रंप को भी कई बार सलाह दी जा चुकी है.
क्या बोले अमेरिकी इकोनॉमिस्ट स्टीव हैंके
अब इस मामले में अमेरिकी इकोनॉमिस्ट की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के पूर्व सलाहकार और विख्यात अर्थशास्त्री स्टीव हैंके ने ट्रंप की टैरिफ नीति की कड़ी आलोचना की है. उनके अनुसार, यह सिर्फ एक शुरुआत है और इसके आने वाले वक्त में गंभीर परिणाम होंगे. यही नहीं उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप की 'अस्थिर' विदेश नीति जिसमें भारत से दूरी और पाकिस्तान से निकटता दिखाई दे रही है आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट को जन्म दे सकती है.
भारत के लिए चेतावनी
हैंके ने ट्रंप की रणनीति को लेकर कड़ा बयान देते हुए कहा, "वह व्यक्ति सुबह प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिला सकता है और रात में उनकी पीठ में छुरा घोंप सकता है." इसका तात्पर्य है कि अमेरिका की मौजूदा मित्रता पर भारत को आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए. उनका मानना है कि भारत को अपने दीर्घकालिक रणनीतिक हितों की सुरक्षा करते हुए वैकल्पिक साझेदारियों की तलाश करनी चाहिए.
चीन की बढ़ती ताकत और पाकिस्तान की भूमिका
हैंके की मानें तो चीन की खनन, धातु विज्ञान और भौतिक विज्ञान में बढ़ती पकड़ ने ट्रंप को नई रणनीतिक चालें चलने के लिए मजबूर कर दिया है. पाकिस्तान की ओर झुकाव भी इसी का हिस्सा है। हैंके का कहना है कि यह आर्थिक नहीं बल्कि पूरी तरह भू-राजनीतिक चाल है. पाकिस्तान के सैन्य प्रमुखों की हालिया अमेरिका यात्राएं भी इसी दिशा में संकेत देती हैं, जो ईरान पर संभावित हमले की योजना से जुड़ी हो सकती हैं.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल
हैंके ने ट्रंप की टैरिफ नीति को अमेरिकी उपभोक्ताओं पर 'छुपा हुआ टैक्स' करार दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये टैरिफ विदेशी उत्पादकों पर नहीं, बल्कि अमेरिकी जनता पर आर्थिक बोझ डालते हैं. इसके चलते अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी और मांग घटेगी, जिससे अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है. पिछले ढाई वर्षों में डॉलर की कमजोरी और बाजार की अस्थिरता भी इसी का प्रमाण है.
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