US Air Strike: अमेरिका का सीरिया पर घातक हमला, 70 ठिकानों को किया तबाह, ISIS से लिया ​बड़ा बदला

US Air Strike: सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले का बदला यूएस ने ले लिया है. उसने ISIS के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस अभियान को 'हॉकआई स्ट्राइक' नाम दिया गया. इसके तहत दर्जनों आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया.

US Air Strike: सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले का बदला यूएस ने ले लिया है. उसने ISIS के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस अभियान को 'हॉकआई स्ट्राइक' नाम दिया गया. इसके तहत दर्जनों आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया.

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Mohit Saxena
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US Air Strike: सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले को लेकर अमेरिका ने बड़ी जवाबी कार्रवाई की है.अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को सीरिया में इस्लामिक स्टेट यानी ISIS के दर्जनों ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्रवाई बीते सप्ताह अमेरिकी सैन्य कर्मियों पर किए हमले का बदला है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही चेतावनी दे चुके थे कि इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सीरिया में ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक चलाया.

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आपको बता दें कि 13 दिसंबर को मध्य सीरिया के पलमायरा क्षेत्र में अमेरिकी और सहयोगी बलों पर हमला किया गया था. इसके जवाब में यह कार्रवाई मानी जा रही है. हेगसेथ के अनुसार, इस अभियान के तहत ISIS के आतंकियों, उनके 70 से अधिक ठिकानों और हथियारों को टार्गेट किया गया. 

रक्षा मंत्री ने कहा,'आज सुबह, सीरिया में अमेरिकी सेना ने आईएसआईएस (ISIS) लड़ाकों और उनके आधारभूत ढांचे और हथियार ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. इसके लिए ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक शुरू किया गया. यह कार्रवाई 13 दिसंबर को सीरिया के पल्मायरा में अमेरिकी सेना पर हुए हमले के सीधे जवाब में की गई. यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं है, यह प्रतिशोध का ऐलान है. राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका अपने लोगों की रक्षा करने में कभी भी पीछे  नहीं हटेगा.' 

अमेरिकी सेना पर हुआ था घातक हमला 

सीरिया के मध्य शहर के पलमायरा में 13 दिसंबर को एक बड़ा हमला हुआ था. इस हमले में अमेरिकी सेना के दो जवानों की मौत हो गई थी. वहीं एक स्थानीय ट्रांसलेटर भी मारा गया. हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के एक काफिले को निशाना बनाया था. जवाबी कार्रवाई में हमलावर को मार गिराया. हमले में तीन अमेरिकी सेना के जवान भी घायल हो गए थे. अमेरिकी सेना के अनुसार, हमलावार सीरिया के सुरक्षाबलों का सदस्य था. उस पर ISIS से जुड़े होने का आरोप था. इस घटना के बाद अमेरिकी प्रशासन ने बदला लेने का मन बनाया. 

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