US: 31 साल के अरविंद श्रीनिवास अमेरिका में खरीद सकते हैं टिकटॉक, AI कंपनी के CEO के बारे में जानें सबकुछ

अमेरिका में टिकटॉक खरीदने की दौड़ में शामिल AI कंपनी Perplexity भी शामिल हो गई है. कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास हैं, जिनकी उम्र महज 31 साल ही है.

अमेरिका में टिकटॉक खरीदने की दौड़ में शामिल AI कंपनी Perplexity भी शामिल हो गई है. कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास हैं, जिनकी उम्र महज 31 साल ही है.

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Jalaj Kumar Mishra
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AI Company likely to purchase Perplexity CEO Aravind Srinivas

Perplexity CEO Aravind Srinivas

चाइनीज कंपनी बाइटडांस का शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक (TikTok) अमेरिका में मुसीबतों में घिरा है. डोनाल्ड ट्रंप के सरकार में आने से पहले टिकटॉक बंद ही गया था लेकिन उसे बाद में वापसी का मौका मिल गया. हालांकि, इसके लिए शर्त लगाई गई है कि अमेरिका में टिकटॉक को अपने व्यापार को बेचना पड़ेगा. ऐसे में अमेरिका की कई सारी कंपनियां उसका बिजनेस खरीदने की कोशिश कर रही हैं. 

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टिकटॉक खरीदने की दौड़ में अब एआई कंपनी Perplexity भी शामिल हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुुसार, टेस्ला और स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्‍क और Mr. Beast जैसे लोग पहले से ही टिकटॉक खरीदने के जुगाड़ में लगे हुए हैं. इस बीच, खबर आई है कि परप्लेक्सिटी (Perplexity) भी इसे खरीदना चाहती है. कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास (Aravind Srinivas) है, जो महज 31 साल के हैं. श्रीनिवास का जन्म साल 1994 में चेन्नई में हुआ था.

कौन हैं अरविंद श्रीनिवास

चेन्नई में जन्में अरविंद एआई कंपनी Perplexity के को-फाउंडर और सीईओ हैं. Perplexity एक एआई बेस्ड सर्च इंजन है. आईआईटी मद्रास से पासआउट अरविंद ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है. श्रीनिवास ने ओपन एआई से अपने करियर की शुरुआत की थी. ओपन एआई ने ही चैट-जीपीटी बनाई है. बाद में अरविंद ने गूगल और डीपमाइंड जैसी दिग्गज कंपनी में भी काम किया. आखिर में खुद का Perplexity शुरू किया. Perplexity एक एआई कंपनी है. ये एआई बेस्ड सर्च इंजन बनाती है. कंपनी सैन फ्रांसिस्को से ऑपरेट होती है. 

टिकटॉक पर छाए हैं संकट के बादल

टिकटॉक को लेकर अमेरिका में संकट के बादल छाए हुए हैं. टिकटॉक यूजर्स भी इसके भविष्य को लेकर कंफ्यूज हैं. अमेरिका में टिकटॉक तभी ऑपरेट किया जा सकता है, जब बाइटडांस इसके लिए अमेरिकी हिस्से को बेच दे. अगर ऐसा नहीं होता है तो टिकटॉक को अमेरिका से लौटना पड़ेगा. 

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भारत में पहले से बैन है टिकटॉक

बता दें, टिकटॉक भारत में पहले से ही बैन है. अगर अब ये अमेरिका में भी बैन होता है तो कंपनी को बड़ा झटका लगेगा. अमेरिकी कंपनियां टिकटॉक को ऐसे ही मौके की तलाश में हैं. एलन मस्क पहले ही इसमें दिलचस्पी दिखा चुके हैं.  

 

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