दुनिया इस वक्त विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है. फिर चाहे वह यूरोपीय देश हों या फिर मिडिल ईस्ट हर जगह हालात नाजुक बने हुए हैं. हाल में दुनिया ने कई देशों के बीच आपस में जंग देखी है. इस युद्ध से भारत भी अछूता नहीं रहा. पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. वहीं भारत और पाकिस्तान में चल रहे तनाव में फिलहाल सीजफायर की चादर ओढ़ ली है. लेकिन ये युद्ध कभी भी विकराल रूप ले सकता है. अगर पाकिस्तान किसी भी तरह की गलती करेगा तो भारत इस बार छोड़ने के मूड में नहीं है. इसको लेकर देश के प्रधानमंत्री खुद कई बार मंचों से घोषणा कर चुके हैं.
वहीं दूसरी तरफ ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चली जंग ने भी दुनिया को बड़ा झटका दिया. इस युद्ध को परमाणु से बचाने वाला युद्ध बताया गया और इसमें अमेरिका जैसे सुपरपावर ने भी एंट्री. हालांकि 12 दिन चले युद्ध में किस को कितना नुकसान हुआ इसका सटीक आंकलन अब तक नहीं आ पाया है. हर देश अपने-अपने स्तर पर विरोधी को बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहा है. इजरायल का कहना है उसे जो चाहिए था उसने वह हासिल कर लिया.
वहीं अमेरिका का कहना है कि उसने जो टारगेट किया था वह सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. वहीं ईरान किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं है. ईरान का कहना है कि वह अब भी 10 एटम तैयार करने की ताकत रखता है. हालांकि फिलहाल इन दोनों ही देशों के बीच सीजफायर हो चुका है और दोनों ही देश शांति की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन इन दोनों देशों के चुप होने के बाद अब खतरा दो दूसरे देशों को लेकर मंडरा रहा है.
इन देशों में बढ़ा महायुद्ध का खतरा
ईरान-इजरायल की जंग में शांति के बाद अब दुनिया में एक और जंग का खतरा मंडरा रहा है. इस जंग के महायुद्ध में तब्दील होने की आशंका जताई जा रही है. ईरान और इज़राइल के बीच तनाव के बाद अब रूस और यूक्रेन के बीच भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
बीते 24 घंटों में रूस ने यूक्रेन पर दागी 60 से अधिक मिसाइलें और 400+ ड्रोन से हमला किया है. यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय, लेकिन भारी तबाही कीव और ओडेसा मुख्य निशाने पर इज़राइल और ईरान के टकराव के बीच रूस की आक्रामकता ने चिंता बढ़ाई NATO और अमेरिका की चुप्पी पर सवाल क्या ये वैश्विक युद्ध की शुरुआत है?
भारत पर क्या होगा असर
वैसे तो यूक्रेन और रूस दोनों ही भारत के साथ बेहतर रिश्ते रखते हैं. लेकिन इन दोनों देशों के बीच महायुद्ध से भारत पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. बस भारत बीते कुछ वक्त से रूस से तेल आयात कर रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र में थोड़ा फर्क पड़ सकता है.
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