Pakistan Flood News: पाकिस्तान में बीते एक हफ्ते से लगातार तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं. सबसे ज्यादा मौतें खैबर पख्तूनख्वा इलाके में हुई हैं, जहां 22 लोगों की जान गई है. वहीं, पंजाब में 13, सिंध में 7 और बलूचिस्तान में 4 लोगों की मौत हुई है.
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार मानसून में बारिश ज्यादा हो सकती है और हालात 2022 जैसे बन सकते हैं, जब बाढ़ ने पाकिस्तान का एक-तिहाई हिस्सा डुबो दिया था और 1,700 से ज्यादा लोगों की जान गई थी.
पाकिस्तान क्यों जलवायु बदलाव से ज्यादा प्रभावित हो रहा है?
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को आने वाले समय में दुनिया का सबसे ज्यादा जलवायु-प्रभावित देश माना गया है. इसके पीछे कई वजहें हैं.
पानी की कमी और ग्लेशियरों पर निर्भरता: पाकिस्तान का ज्यादातर पानी पहाड़ों की बर्फ से आता है, जो अब तेजी से पिघल रही है। इससे अचानक बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है.
कृषि पर निर्भरता: देश की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है, जो मौसम में थोड़ा सा बदलाव होते ही प्रभावित हो जाती है.
तेजी से बढ़ते शहर और कमजोर तैयारी: बड़े शहरों में बाढ़ और गर्मी से निपटने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.
बढ़ती आबादी और पानी की भारी किल्लत: 24 करोड़ से ज्यादा की आबादी पहले से ही सीमित संसाधनों पर बोझ डाल रही है.
सरकारी तैयारियों में कमी: न तो समय पर चेतावनी मिलती है और न ही राहत और बचाव की योजनाएं ठीक से काम करती हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो
हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा में एक ही परिवार के 13 लोग बाढ़ में बह गए. अब तक 12 लोगों के शव मिल चुके हैं और एक की तलाश जारी है. इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और सोशल मीडिया पर राहत कार्यों में देरी को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही है.
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