आप भी नोएडा में नया घर किराए पर लेने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा सतर्क हो जाइए. बीते कुछ वर्षों में यहां किराए में जबरदस्त उछाल आया है. एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर-150 में मकानों का किराया 22 फीसदी तक बढ़ गया है. ये बढ़ोतरी देश के बाकी बड़े शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा है. वहीं, मुंबई में किराए में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
क्यों बढ़ रहे हैं किराए?
किराए में हो रही इस तेजी के पीछे कई वजहें हैं. सबसे बड़ी वजह ये है कि कोविड-19 के बाद लोग तेजी से शहरों की ओर लौटे हैं. लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों ने अपने गांव या छोटे शहरों में शिफ्ट कर लिया था, वे अब दोबारा बड़े शहरों में नौकरी और व्यापार के लिए बस रहे हैं. इससे घरों की डिमांड काफी बढ़ गई है.
इसके अलावा, नई और मॉडर्न हाउसिंग सोसाइटियों के बनने से भी किराए में इजाफा हो रहा है. अच्छी लोकेशन और बेहतरीन सुविधाओं वाले घरों की मांग ज्यादा है, जिससे मकान मालिक ऊंचे दाम वसूल रहे हैं. महंगाई और प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि भी इसका एक कारण है.
किन शहरों में कितनी बढ़ी किराए की दरें?
(मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक)
नोएडा (सेक्टर-150): 22 फीसदी की बढ़ोतरी
SMR क्षेत्र (पुणे): 12.2 फीसदी की वृद्धि
बेंगलुरु, हैदराबाद, गुरुग्राम: 16 फीसदी तक किराया बढ़ा
मुंबई: 10 फीसदी से भी कम बढ़ोतरी (सबसे कम)
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में किराए की दरें स्थिर हो सकती हैं. हालांकि, यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि नए घरों की उपलब्धता कैसी रहती है. अगर डिमांड के हिसाब से नए घर बाजार में आए, तो किराए में स्थिरता आ सकती है. लेकिन अगर घरों की संख्या डिमांड से ज्यादा या कम हुई, तो इसका सीधा असर किराए पर पड़ेगा.
किराया अब जेब पर भारी
शहरों में रहने वाले लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा किराए में चला जाता है. 2023-24 के घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण के अनुसार, अब औसत मासिक खर्च का 6.58% हिस्सा सिर्फ किराए में जाता है. 1999 में यह आंकड़ा 4.46% था. यानी बीते 25 सालों में लोगों के खर्च में किराए की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है.
नतीजा क्या है?
बढ़ते किराए का सीधा असर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों पर पड़ रहा है. अब लोग छोटे घरों में शिफ्ट हो रहे हैं या फिर शहर से दूर रहकर आना-जाना कर रहे हैं. किराए में स्थिरता लाने के लिए सरकार को नई हाउसिंग पॉलिसी और सस्ते किराए वाले घरों पर ध्यान देना होगा. वरना आने वाले सालों में किराए की ये बढ़ती दरें आम लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती हैं.
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