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वायरल वीडियो Photograph: (X)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने समाज में भाषा, पहचान और क्षेत्रीय अस्मिता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. वीडियो में एक युवक, जो खुद को मराठी बताता है, एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए धमका रहा है क्योंकि वह मराठी भाषा नहीं जानता.
मराठी सीख नहीं तो दुकान बंद कर
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मराठी युवक आक्रोशित लहजे में दुकानदार से कहता है, “तेरे को मराठी नहीं आती? तो फिर तू इधर क्या कर रहा है? मराठी सीख नहीं तो दुकान बंद कर.” दुकानदार विनम्रता से जवाब देता है कि वह उत्तर प्रदेश से है और अभी नया आया है.
वह कहता है, “मैं एक-दो दिन में मराठी थोड़े सीख जाऊंगा, पर कोशिश करूंगा.” इसके जवाब में युवक फिर धमकी देता है कि अगर मराठी नहीं सीखी, तो दुकान बंद करनी पड़ेगी और बिहार वापस जाना पड़ेगा. वह आगे कहता है, “मैं 10-15 दिन बाद फिर आउंगा, अगर नहीं सीखा तो समझ लेना.”
जबरन भाषा थोपी जा सकती है?
इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई यूजर्स ने इसे भाषा के नाम पर डराने-धमकाने की मानसिकता बताया है, वहीं कुछ लोगों ने क्षेत्रीय भाषाओं के सम्मान की बात भी उठाई है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या किसी को जबरन कोई भाषा सिखाई जा सकती है?
ये करना कानून अपराध?
भारत एक बहुभाषी देश है, जहां हर राज्य की अपनी भाषा और संस्कृति है. संविधान ने हर नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में रहने और काम करने का अधिकार दिया है. ऐसे में भाषा को लेकर धमकाना न केवल सामाजिक रूप से गलत है, बल्कि यह कानूनन भी एक अपराध की श्रेणी में आता है. समाज को यह समझना होगा कि भाषा पहचान का माध्यम है, पर इंसानियत और आपसी सम्मान सबसे ऊपर है. भाषा सीखना मजबूरी नहीं, अवसर होना चाहिए और वह भी बिना डर और धमकी के.
Marathi Bol nahi toh dukan band karde
— Hindutva Vigilant (@VigilntHindutva) May 20, 2025
Marathi virus is spreading. pic.twitter.com/2fVkHE5djg
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