"भगवान शिव का रावण था दुश्मन..." कैलाश मंदिर में गाइड का गलत जानकारी देते हुए वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद हर किसी ने हैरानी जताई है. इस वीडियो में एक शख्स हिंदुओं के देवताओं के बारे में गलत जानकारी दे रहा होता है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद हर किसी ने हैरानी जताई है. इस वीडियो में एक शख्स हिंदुओं के देवताओं के बारे में गलत जानकारी दे रहा होता है.

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Ravi Prashant
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viral video Kailash Temple asi guide

वायरल वीडियो Photograph: (X)

सोशल मीडिया पर एक वीडियो लोगों का ध्यान खींच रहा है, जिसमें एल्लोरा स्थित प्रसिद्ध कैलाश मंदिर में एक गाइड कथित रूप से भ्रामक जानकारी देते हुए दिखाई दे रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह गाइड मंदिर के इतिहास, भगवान शिव और रावण से जुड़े प्रसंगों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा था. इस पर वहां मौजूद एक पर्यटक ने आपत्ति जताई, जिसके बाद गाइड नाराज़ हो गया.

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क्या है मंदिर का इतिहास?

यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और इसे देखने के बाद कई लोगों ने आश्चर्य जताया है. एल्लोरा का कैलाश मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. माना जाता है कि इसे 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने बनवाया था. यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को तराशकर बनाया गया है और इसकी खासियत दुनिया भर के इतिहासकारों व पुरातत्वविदों को हैरान करती है.

हिंदुओं के देतावओं के बारे में गलत जानकारी? 

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक गाइड, जिसका नाम अब्दुल बताया जा रहा है, मंदिर के इतिहास को बताते हुए कुछ विवादित दावे करता है. वह भगवान शिव और मां पार्वती के संबंधों को गलत तरीके से पेश करता है और रावण को शिव का दुश्मन बताते हुए कई गैर-ऐतिहासिक बातें कहता है. जब एक पर्यटक उसकी जानकारी को गलत बताते हुए रोकता है, तो गाइड गुस्से में आ जाता है और बहस करने लगता है. इस पूरे घटनाक्रम को वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने रिकॉर्ड कर लिया और वीडियो अब सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

वीडियो सामने आने के बाद कई लोगों ने इस तरह के गलत तथ्यों पर सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज हो गई है कि ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर गाइडों की जानकारी की जांच होनी चाहिए, ताकि पर्यटक भ्रमित न हों. कुछ लोगों ने इस मामले में प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग भी की है, ताकि ऐसे मामलों पर रोक लग सके.

वहीं, यह भी महत्वपूर्ण है कि वीडियो की प्रामाणिकता की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. न्यूज नेशन इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता. विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी ऐतिहासिक स्थान के बारे में गलत जानकारी फैलने से न केवल धार्मिक भावनाएं भड़क सकती हैं, बल्कि इतिहास की समझ भी प्रभावित होती है. इसलिए ऐसे स्थलों पर प्रमाणिक और प्रशिक्षित गाइडों की नियुक्ति आवश्यक है.

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