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वायरल वीडियो Photograph: (X)
Donald Trump and Volodymyr Zelensky: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में शुक्रवार को हुई मुलाकात एक गरमागरम बहस में तब्दील हो गई. ओवल ऑफिस में हुई इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग 15 मिनट तक तेज आवाज में चर्चा हुई, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. इस बैठक की कुछ क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें से कुछ को एडिट कर एक अलग ही रूप में पेश किया जा रहा है.
ओवल ऑफिस में गरमागरम चर्चा
इस मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका की ओर से और अधिक मदद की मांग रखी. वहीं, ट्रंप ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की और यूक्रेन को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर सवाल उठाए. चर्चा इतनी तीखी हो गई कि ट्रंप ने जेलेंस्की पर ऊंची आवाज में बोलना शुरू कर दिया. हालांकि, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने इस बातचीत को केवल एक “गंभीर और स्पष्ट संवाद” बताया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ AI-एडिटेड वीडियो
इस बैठक के तुरंत बाद इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें ऐसा लग रहा है कि ट्रंप और जेलेंस्की आपस में भिड़ गए हैं. इस वीडियो में दोनों नेताओं के बीच नोकझोंक और लगभग हाथापाई जैसी स्थिति को दिखाया गया है. लेकिन जांच में पता चला कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एडिट किया गया है.
वीडियो में ट्रंप और जेलेंस्की को गुस्से में एक-दूसरे पर चिल्लाते हुए दिखाया गया है, जिससे यह भ्रम पैदा हो रहा है कि उनकी बैठक में मामला हाथ से निकल गया था. हालांकि, वास्तविकता इससे अलग है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के AI-एडिटेड वीडियो भ्रामक होते हैं और गलत सूचना फैलाने के लिए बनाए जाते हैं.
LMAO! Who created this video?😂 pic.twitter.com/Gr8Pnl2Nz6
— War Intel (@warintel4u) February 28, 2025
फनी मीम्स और यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर मजेदार मीम्स बनाने शुरू कर दिए. कई लोगों ने इसे “राजनीतिक डब्ल्यूडब्ल्यूई” करार दिया, तो कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया. कुछ लोग इस वीडियो को सच मान बैठे और ट्रंप और जेलेंस्की के बीच झगड़े की अफवाहें फैलाने लगे.
विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी वायरल वीडियो को आंख बंद करके न मानें और तथ्यों की पुष्टि करें. AI तकनीक के कारण अब असली और नकली वीडियो में अंतर कर पाना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे गलतफहमियां तेजी से फैल सकती हैं.
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