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भूतों का रहस्य Photograph: (picjumbo.com)
भूतों का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है. फिल्मों, कहानियों और लोककथाओं में भूतों को लेकर कई कहानियां सुनने और देखने को मिलती हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में भूत होते हैं या यह केवल हमारी कल्पना है? इस खबर में हम यही जानेंगे कि कोशिश करेंगे कि आखिर भूतों को लेकर साइंस क्या कहता है और क्या वाकई में इस दुनिया में भूत रहते हैं.
आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं.
क्या कहता है विज्ञान?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो भूतों के अस्तित्व को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. वैज्ञानिक मानते हैं कि भूतों का विचार अक्सर हमारे डर, मानसिक स्थिति, या पर्यावरणीय कारणों से उपजता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब हमारा दिमाग किसी डरावने माहौल में होता है, तो वह ऐसी चीजें देखने या महसूस करने लगता है, जो असल में होती ही नहीं हैं.
इस कारण से होता है अनुभव?
कई बार नींद पूरी न होने या ज्यादा तनाव के कारण लोग “स्लीप पैरालिसिस” का शिकार हो जाते हैं, जिसमें उन्हें लगता है कि कोई परछाईं उनके पास है. हवा, रोशनी, और आवाजो का ऐसा संयोग कभी-कभी डरावना माहौल बना देता है, जिससे लोग भूतों के होने का शक करने लगते हैं.
धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं
भारत जैसे देश में भूतों को लेकर कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं. माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद अगर उसकी आत्मा को शांति न मिले, तो वह भटकती रहती है. कई लोग पितृ दोष या आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाते हैं. वहीं विदेशों में भूतों को लेकर अलग-अलग कहानियां हैं.
भूतों को देखने या महसूस करने के दावे अक्सर सुनने को मिलते हैं. हालांकि, ऐसे अनुभव अक्सर रात के समय या सुनसान जगहों पर होते हैं. मनोवैज्ञानिक इसे मन का भ्रम या डर के कारण उत्पन्न अनुभव मानते हैं.
क्या सच में होते हैं भूत?
यह सवाल आज भी अनसुलझा है. विज्ञान के पास इसका कोई पक्का जवाब नहीं है, लेकिन यह मानता है कि ज्यादातर भूतों से जुड़े अनुभव मानसिक स्थिति और डर का परिणाम होते हैं. वहीं, कुछ लोग इसे अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखते हैं.
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