मछली ने चलाई कार, वैज्ञानिक भी हैरान
इजरायल की बेन-गुरियॉन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी अनोखी कार बनाई है, जिसे पानी में तैरने वाली मछलियां जमीन पर चला सकती हैं.
नई दिल्ली :
मछली (Fish) पर कविता, मछली की कहानी, मछली की करी ये सभी तो आपने सुन ही रखा है लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि मछलियां कार (fish driving car) चलाती हैं? नहीं न, तो चलिए हम आपको ऐसी ही एक रियल की घटना सुनाते हैं. दरअसल बात ये है कि आजकल सड़कों पर मछलियां कार चलने लगीं हैं. दरअसल बात ये है कि दुनिया भर में एक से बढ़कर एक शानदार कारों को पेश करने वाली जापान की प्रमुख कार निर्माता कंपनी निसान एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम रही है.
किसने किया रिसर्च?
इजरायल की बेन-गुरियॉन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी अनोखी कार बनाई है, जिसे पानी में तैरने वाली मछलियां जमीन पर चला सकती हैं. यह स्टडी हाल ही में Behavioural Brain Research जर्नल में प्रकाशित हुई है. दरअसल, इस कार के जरिए वैज्ञानिक ये साबित करना चाहते थे कि मछलियां विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी दिशा नहीं भूलतीं. वे किसी भी स्थिति में अपने टारगेट को पहचान लेती हैं. क्यूंकि अगर आपको नहीं पता है तो हम आपको बता दें मछलियां जब समूह में होती हैं, तो उनके व्यवहार में एक खास बात गौर करने वाली होती है.
रिसर्च में क्या है खास?
वो यह कि जब एक मछली अचानक किसी एक दिशा की तरफ घुमती है तो बाकी सभी मछलियां भी उसी दिशा में मुड़ जाती हैं. इस दौरान एक बेहद ही मजेदार बात आपने गौर की होगी वो यह कि इस भागमभाम में भी मछलियां आपस में टकराती नहीं हैं और न ही एक दूसरे को चोट पहुंचाती हैं. इस प्रयोग में गोल्ड फिश ने सड़क पर कार चलाई और सफलता के साथ अपने टारगेट तक पहुंची.
आपको बता दें इससे पहले भी 2014 में नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने भी मछलियों के लिए कार बनाई थी. हालांकि, ये प्रोजेक्ट कंप्यूटर की संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया था. वैज्ञानिकों की माने तो इन मछलियों ने पूरी काबिलियत के साथ कार को चलाया. कार को किसी दूसरे पॉइंट से चलाने पर या टारगेट को किसी और जगह रखने पर भी वो उस तक पहुंचने में कामयाब हो गई.
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क्या निकला रिसर्च में?
इजरायल के वैज्ञानिकों ने एक रोबोटिक कार बनाई. जिसके ऊपर पानी के टैंक में एक गोल्ड फिश को रखा. मछली के मुंह की तरफ दिशा समझने के लिए इसमें लाईडार (LIDAR) यंत्र भीलगाया गया, जो कि एक कंप्यूटर से जुड़ा था. लाईडार यंत्र के ठीक नीचे एक कैमरा लगा था जो मछली के मुंह की दिशा को समझ कर उसके निर्देश कंप्यूटर को देता था. कंप्यूटर मछली के मुंह की दिशा के अनुसार रोबोटिक कार को उसी दिशा में मोड़ देता था. अगर इस तकनीक का उपयोग किया जाए तो मछली जमीन, सूखी धरती जैसी किसी भी जगह पर कार ड्राइव कर सकती है.
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