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शनिवार के पहले मेरापी ज्वालामुखी 2010 में फटा था.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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स्थानीय अधिकारियों के अनुसार मेरापी ज्वालामुखी स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे के आसपास फटा. इसके लावे का प्रवाह 1.5 किमी के इलाके में देखा गया, तो राख ने कई किमी तक आसमान को काला कर दिया था.
शनिवार के पहले मेरापी ज्वालामुखी 2010 में फटा था.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इंडोनेशिया की देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी के हवाले से बताया कि मेरापी ज्वालामुखी का विस्फोट सात किलोमीटर तक आसमान में गर्म बादल उगल रहा है. मेरापी ज्वालामुखी इंडोनेशिया के योग्याकार्ता विशेष क्षेत्र में स्थित है. इंडोनेशिया मेरापी के स्थानीय अधिकारियों के अनुसार मेरापी ज्वालामुखी स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे के आसपास फटा. इसके लावे का प्रवाह 1.5 किमी के इलाके में देखा गया, तो राख ने कई किमी तक आसमान को काला कर दिया था.
मेरापी सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक
मेरापी ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद उसके आसपास के निवासियों को खतरे वाले क्षेत्र में हर किस्म की गतिविधि रोकने की चेतावनी जारी कर दी गई. ज्वालामुखी के मुहाने से तीन से सात किलोमीटर के दायरे वाले क्षेत्र को खतरनाक घोषित किया गया है. मेरापी इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है. यह 2,963 मीटर ऊंचा है. ज्वालामुखी को पहले से ही देश के दूसरे उच्चतम अलर्ट स्तर पर घोषित कर दिया गया था. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में ज्वालामुखी को फटते हुए देखा जा सकता है.
Video kejadian awanpanas guguran di #Merapi tanggal 11 Maret 2023 pukul 12.12 WIB dari stasiun CCTV Tunggularum-Sleman. Masyarakat diimbau untuk menjauhi daerah bahaya (jarak 7 km dari puncak Gunung Merapi di alur Kali Bebeng dan Krasak). pic.twitter.com/obgdVSKzk3
— BPPTKG (@BPPTKG) March 11, 2023
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इसके पहले 2010 में फटा था मेरापी
मेरापी ज्वालामुखी के फटने के बावजूद हालांकि अभी तक किसी भी निवासी को सुरक्षित स्थान पर न तो पहुंचाया गया है और ना ही उनसे इलाके को खाली करने के लिए कहा गया है. अधिकारियों के मुताबिक फिलवक्त इसे सिर्फ एक बार घटने वाले हादसे के तौर पर लिया जा रहा है. हालांकि यदि इसमें और विस्फोट होते हैं और लावे का दायरा बढ़ 7 किलोमीटर से अधिक रहता है, तो संभावना है कि निवासियों से इलाके को खाली करने को कहा जाए. गौरतलब है कि किसी भी अन्य देश की तुलना में इंडोनेशिया में अधिक ज्वालामुखी हैं क्योंकि यह पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. मेरापी ज्वालामुखी ने आखिरी बार 2010 में लावा उगला था, जिसमें 350 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
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