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Watch: देखें तौकते तूफान का भयानक मंजर, जहाज डूबने से पहले की आखिरी तस्वीर

चक्रवात तौकते तूफान के कारण भारत के तटवर्ती शहरों में भारी तबाही मची हुई है. तौकते तूफान का एक बेहद डरावना वीडियो सामने आया है. इस खौफनाक मंजर को एक बोट पर सवार कर्मचारी ने मौत से पहले बनाया है.

Updated on: 25 May 2021, 12:36 PM

नई दिल्ली:

चक्रवात तौकते तूफान के कारण भारत के तटवर्ती शहरों में भारी तबाही मची हुई है. तौकते तूफान का एक बेहद डरावना वीडियो सामने आया है. इस खौफनाक मंजर को एक बोट पर सवार कर्मचारी ने मौत से पहले बनाया है. कर्मचारी का नाम सूरज चौहान बताया जा रहा है, जिसका शवर गुजरात के नजदीक वलसाड में मिला है.  बताया जा रहा है कि सूरज ने तौकते तूफान का ये वीडियो बनाकर अपने दोस्त के मोबाइल पर भेजा था. वीडियो बनाने से पहले सूरज को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि इन लहरों में उसकी मौत छुपी हुई है.  कहा जा रहा है कि पानी की लहरें इतनी तेज थी कि देखते-देखते टगबोट वरप्रदा में डूब गई. इस बोट में 13 लोग सवार थे, जिसमें 2 को बचाया गया है.

तौकते' चक्रवाती तूफान सोमवार रात को जब गुजरात में सौराष्ट्र के तट से टकराया था तो उस दौरान हवा की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा थी. वहीं, केंद्र शासित दीव में उस रात करीब 9:30 बजे जब यह तटवर्ती इलाकों से टकराया तो 133 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं.

'तौकाते' गुजरात में बीते 23 वर्षों में आया 'बेहद भीषण चक्रवात' श्रेणी का तूफान है, जो दीव के तटवर्ती इलाकों से 17 मई को टकराया था. इस दौरान हवा की रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही. इससे पहले गुजरात को जिस चक्रवाती तूफान ने सर्वाधिक प्रभावित किया था, वह 'कांडला' था, जो 1998 में पोरबंद के तट से टकराया था. इसमें हवा की रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा थी.

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गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में देश के पश्चिमी तट पर आए भीषण चक्रवात तौकते के बाद भारतीय नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया था. चक्रवात के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक और गोवा में भारी तबाही हुई थी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के 'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलने और 26 मई को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है.

मौसम विज्ञानियों के अनुसार शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बन है. एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात के गठन का पहला चरण होता है. हालांकि ऐसा कतई जरूरी नहीं है कि सभी निम्न दबाव वाले क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हैं.