मौत के करीब 50 दिन बाद अचानक घर लौटा युवक, जिंदा शख्स को बिहार पुलिस ने दिया था मार

बिहार पुलिस ने ऐसा काम किया है कि हर कोई उसके काम से हैरान है. दरअसल, दरभंगा में बिहार पुलिस ने एक जिंदा व्यक्ति की हत्या करार दे दिया, जो कुछ दिनों बाद घर लौट आया है.

बिहार पुलिस ने ऐसा काम किया है कि हर कोई उसके काम से हैरान है. दरअसल, दरभंगा में बिहार पुलिस ने एक जिंदा व्यक्ति की हत्या करार दे दिया, जो कुछ दिनों बाद घर लौट आया है.

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Ravi Prashant
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man returned alive Darbhanga bihar News

दरभंगा न्यूज Photograph: (X)

बिहार के दरभंगा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने प्रशासन से लेकर आम लोगों तक को हैरान कर दिया है. दरअसल, जिस नाबालिग को मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था, वह अब जीवित लौट आया है. बीते गुरुवार, 17 अप्रैल को वह दरभंगा व्यवहार न्यायालय पहुंचा और खुद को ज़िंदा घोषित किया. इससे पुलिस के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि फिर वह शव किसका था, जिसकी पहचान भोला राम के रूप में की गई थी?

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मुआवजे में दिए गए 4 लाख

मामला मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहाल गांव का है, जहां रहने वाले जगदेव राम के बेटे भोला राम को करीब डेढ़ महीने पहले मृत मान लिया गया था. परिजनों ने 26 फरवरी को रेलवे ट्रैक से मिले एक अज्ञात शव को भोला राम समझते हुए उसकी शिनाख्त की थी और उसी का अंतिम संस्कार भी कर दिया. उस समय परिवार ने सड़क पर प्रदर्शन किया था और मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था. पुलिस की गाड़ी तक तोड़ दी गई थी और मृतक के परिवार को सरकारी मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपये भी दिए गए थे.

क्रिकेट खेलने के दौरान हुआ था गायब

अब जब भोला राम खुद सामने आया है, तो पूरा मामला उलझ गया है. कोर्ट में उसने बताया कि वह उस दिन यूनिवर्सिटी फील्ड में क्रिकेट खेल रहा था, तभी कुछ अज्ञात लोग आए और उसके मुंह पर रुमाल रखकर उसे बेहोश कर दिया. होश आने पर वह खुद को नेपाल में पाया. दो दिन पहले किसी तरह उनके चंगुल से भागकर भारत लौटा और अपने भाई को वीडियो कॉल के जरिए जानकारी दी. इसके बाद उसका भाई उसे घर लेकर आया.

तो ट्रैक पर कौन था आदमी?

भोला राम सीधे पुलिस के पास न जाकर कोर्ट पहुंचा, जिससे पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया. अब पुलिस के सामने यह चुनौती है कि रेलवे ट्रैक पर मिला शव आखिर किसका था, और उसकी असली पहचान क्या है? गौरतलब है कि आठ फरवरी को भोला राम के परिजनों ने उसके लापता होने की रिपोर्ट मब्बी थाने में दर्ज करवाई थी.

 26 फरवरी को दोनार अल्लपट्टी रेलवे ट्रैक पर एक क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ, जिसका हाथ और पैर कटा हुआ था. उसे ही भोला राम मान लिया गया था. अब प्रशासन के लिए यह एक संवेदनशील और जटिल मामला बन गया है. मुआवजे की रकम, शव की असली पहचान और अपहरण की सच्चाई. इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है.

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