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वायरल वीडियो Photograph: (instagram)
Instagram Soft Porn Video: सोशल मीडिया के इस युग में, इंस्टाग्राम एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां हर दिन करोड़ों यूजर्स अपने जीवन के पलों को शेयर करते हैं. लेकिन हाल के वर्षों में, इस प्लेटफॉर्म पर एक नई और चिंताजनक ट्रेंड देखने को मिल रहा है—सॉफ्ट पोर्न का प्रसार. ऐसे कंटेंट सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इसमें सबसे खतरनाक है कि ऐसे कंटेंट छोटे बच्चों के पास भी आसानी से पहुंच जा रहा है.
सॉफ्ट पोर्न क्या है और क्यों यह खतरनाक है?
सॉफ्ट पोर्न को आमतौर पर उस कंटेंट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो न्यूडिटी या सेक्सअल थॉट्स को सीधे प्रदर्शित न करके उन्हें इंटायेक्टिली रूप से दिखाता है. यह आमतौर पर उत्तेजक डांस वीडियो, कपड़ों में अश्लीलता, या कामुक एंगल से शूट किए गए क्लिप के रूप में दिखाई देता है. यह कंटेंट देखने में भले ही हल्की और सामान्य लगे, लेकिन इसका प्रभाव गहरा और गंभीर होते जा रहा है. यह न केवल युवाओं की मानसिकता पर असर डाल रहा है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के नैतिक मानकों को भी कमजोर कर रहा है.
क्या है इंस्टाग्राम सॉफ्ट पॉर्न?
अब सवाल है कि आखिर इंस्टाग्राम पर सॉफ्ट पोर्न क्यों बढ़ रहा है? तो इसका सीधा जवाब होगा एलगोरिदम का खेल. इंस्टाग्राम का एलगोरिदम ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता देता है, जो ज्यादा एंगेजमेंट (लाइक्स, कमेंट्स और शेयर) लाता है. सॉफ्ट पोर्न जैसी सामग्री लोगों का ध्यान आकर्षित करती है और इसे वायरल होने में देर नहीं लगती. ऐसे में कुछ वीडियो क्रिएटर्स सोशल मीडिया स्टारडम का लालच में सारी हदें पार कर दे रहे हैं. कई कंटेंट क्रिएटर्स अपने फॉलोअर्स बढ़ाने और फेमस होने के लिए इस तरह की कंटेंट पोस्ट करते हैं. उनके लिए यह सिर्फ एक ‘कंटेंट स्ट्रैटेजी’ है, लेकिन इसका असर व्यापक होता है.
ऐसे कंटेंट समाज के लिए खतरनाक
हालांकि इंस्टाग्राम के पास सामग्री को मॉडरेट करने के लिए गाइडलाइंस हैं, लेकिन सॉफ्ट पोर्न को हटाने में अक्सर देरी होती है. इस तरह के वीडियो से तो लाइक्स, व्यूज और कमेंट आ जा रहे हैं लेकिन ये समाज के लिए उतना ही खतरनाक होते जा रहा है, जैसे पॉर्न कंटेंट होते हैं. ऐसे कंटेंट से समाज में अश्लीलता को सामान्य मानने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.
यह नैतिक मूल्यों और संस्कृति को कमजोर कर रही है. इसमें कोई शक नहीं है कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. वे कम उम्र में ही यौन विचारों और दबावों का सामना करते हैं, जो उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा बन सकता है. ऐसी सामग्री के चलते यौन अपराधों की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, क्योंकि यह मन में असामान्य इच्छाएं और विचार पैदा करता है.
तो क्या करना चाहिए?
अब सवाल है कि ऐसे में क्या किया जाए? इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स को अपने मॉडरेशन सिस्टम को मजबूत करना चाहिए और ऐसे कटेंट के ऊपर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार को सख्त कानून बनाकर इस तरह की वीडियोज पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेह बनाना चाहिए. यही नहीं, अगर बैन नहीं करना कोई विकल्प नहीं है तो कोशिश करें कि इस तरह के कंटेंट को ऐज ग्रुप को ही दिखें, जिससे उस कंटेंट की समझ हो.
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