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क्या आत्माओं से जुड़ सकते हैं? Photograph: (Meta AI)
मानव सभ्यता की शुरुआत से ही आत्मा, मृत्यु और परलोक से जुड़े सवाल लोगों को आकर्षित करते आए हैं. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग मानते हैं कि मरने के बाद भी आत्माएं किसी न किसी रूप में मौजूद रहती हैं और कभी-कभी इंसानों से संपर्क भी कर सकती हैं. लेकिन क्या वास्तव में हम आत्मा से बात कर सकते हैं? क्या ये सिर्फ एक अंधविश्वास है या इसके पीछे कोई साइंस भी है? हम आपको इस खबर में इसके बारे में बताएंगे कि क्या आप आत्माओं से बात कर सकते हैं?
आत्मा से बात करने के दावे
भारत समेत दुनिया के कई देशों में संज्ञानात्मक माध्यम (Spiritual Mediums) या तांत्रिक यह दावा करते हैं कि वे आत्माओं से संपर्क कर सकते हैं. कुछ लोग “प्लांचेट”, “ऊइजा बोर्ड”, या ध्यान साधना के माध्यम से आत्माओं से संवाद करने का दावा करते हैं. खासकर, जब किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो परिजन यह सोचते हैं कि वे उसकी आत्मा से संपर्क करें और अधूरे सवालों के जवाब लें.
क्या कहता है साइंस?
विज्ञान आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता, क्योंकि अब तक आत्मा को मापने या साबित करने के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. साइकोलॉजी के अनुसार, आत्मा से बात करने की अनुभूति अक्सर मानसिक भ्रम, दुख, ट्रॉमा या अवचेतन मन के प्रभाव का परिणाम होती है. कुछ मामलों में यह हैलुसिनेशन या मन में बसी गहरी भावनाओं का असर भी हो सकता है.
क्या हैं धार्मिक मान्यताएं?
हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम और बौद्ध धर्म में आत्मा की अवधारणा मौजूद है. कई धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि आत्मा अमर होती है और मृत्यु के बाद किसी नए शरीर में प्रवेश करती है. कुछ मान्यताओं के अनुसार, आत्माएं तब तक भटकती हैं जब तक उनका मोक्ष नहीं होता या जब तक उनके अधूरे काम पूरे नहीं होते.
आत्मा से बात कर पाना अभी भी एक रहस्य है. यह आस्था और अनुभव पर आधारित विषय है, न कि वैज्ञानिक प्रमाण पर. अगर कोई आत्मा से बात करने का दावा करता है, तो उसमें अंधविश्वास और धोखे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. यह जरूरी है कि हम इस विषय को भावनाओं से नहीं, बल्कि विवेक और तार्किक सोच से देखें.
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