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वायरल वीडियो Photograph: (instagram)
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वायरल वीडियो Photograph: (instagram)
बेंगलुरु के एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर 50 करोड़ रुपये के “वुल्फ डॉग” (Wolf Dog) को इंपोर्ट करने का दावा किया गया था, जिसने कुछ ही घंटों में इंटरनेट पर सनसनी फैला दी. युवक का दावा था कि उसने दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता कॉकसियन शेफर्ड और वुल्फ की क्रॉस ब्रीड विदेश से मंगवाया है. इस वायरल खबर के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले को गंभीरता से लिया और युवक के घर पर छापेमारी की.
ED को संदेह था कि इतनी बड़ी रकम के लेन-देन में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन हुआ है. इसी आधार पर जांच शुरू हुई. लेकिन जब अधिकारियों ने युवक के घर पहुंचकर तहकीकात की, तो सारी सच्चाई सामने आ गई. जांच में खुलासा हुआ कि न तो युवक के पास इतनी आर्थिक क्षमता है, और न ही उसने ऐसा कोई कुत्ता खरीदा है. दरअसल, सोशल मीडिया पर जिसकी तस्वीरें शेयर की जा रही थीं, वह कुत्ता उसके पड़ोसी का था और उसकी कीमत एक लाख रुपये से भी कम बताई गई.
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ED अधिकारियों ने यह भी बताया कि युवक ने यह सब महज सोशल मीडिया पर चर्चा में आने और लाइमलाइट बटोरने के लिए किया था. उसका उद्देश्य सिर्फ वायरल होना था, जिसके लिए उसने झूठे दावे किए और मीडिया का ध्यान खींचा. यह घटना इस बात की मिसाल बन गई है कि कैसे कुछ लोग इंटरनेट पर फर्जी दावे कर लोगों और संस्थाओं को गुमराह करते हैं.
ED की कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि इस तरह के झूठे प्रचार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 50 करोड़ के वुल्फ डॉग की कहानी निकली पूरी तरह झूठी. अब सवाल यह उठता है, क्या सोशल मीडिया पर हर वायरल चीज़ पर आंख मूंदकर भरोसा करना ठीक है?
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