बिहार की राजनीति में लंबे समय बाद कांग्रेस वापसी की कोशिश कर रही है. करीब 35 साल से सत्ता से दूर रही कांग्रेस अब एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मैदान में उतरी है. इसी कड़ी में राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव और प्रियंका गांधी के साथ मिलकर वोटर अधिकार यात्रा निकाली है. आपको बता दें कि इस यात्रा की शुरुआत 17 अगस्त को सासाराम से हुई थी और इसका समापन सोमवार (1 सितंबर) को पटना में होगा. कांग्रेस इस 16 दिन की यात्रा को ऐतिहासिक बता रही है.
महागठबंधन को मिला सहारा
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की साझेदारी से महागठबंधन को भी मजबूती मिली है. यात्रा के दौरान भीड़ और जनसमर्थन देखकर कांग्रेस नेता काफी उत्साहित नजर आए. हालांकि, एक बड़ा सवाल यह भी है कि विपक्ष का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा? इस पर अब तक कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आई है.
तेजस्वी यादव का आक्रामक अंदाज
चुनावी माहौल गर्माने के साथ ही तेजस्वी यादव के तेवर भी आक्रामक हो गए हैं. उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि “लोगों को ओरिजिनल सीएम चाहिए या डुप्लीकेट सीएम?” इस बयान से साफ है कि महागठबंधन नीतीश सरकार को सीधी चुनौती देने के मूड में है.
कांग्रेस का दावा है कि इस यात्रा से बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है. राहुल गांधी ने भीड़ देखकर कहा कि बीजेपी को यह ताकत हजम नहीं हो रही, इसलिए उनकी तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह 16 दिन की वोटर अधिकार यात्रा कांग्रेस के लिए बिहार में सियासी पुनरुत्थान की शुरुआत साबित होगी. या फिर 35 साल से जारी कांग्रेस का सूखा आगे भी जारी रहेगा. इसका जवाब आने वाले चुनावों में ही मिलेगा.
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