उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से आई भीषण आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना का हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक पहुंच चुका है, जिसे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा. इसके अलावा एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी पूरी तरह तैयार हैं, ताकि जरूरत पड़ते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके.
आपको बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में इस समय कई चुनौतियां सामने हैं. मलबा, टूटी सड़कें और तेज बहाव के कारण राहत टीमों को मौके तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार मिलकर बचाव कार्य में जुटे हैं. चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री, मशीनरी और टीमों को प्रभावित इलाकों तक तेजी से पहुंचाया जाएगा.
सीएम ने लिया हालात का जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज (06 अगस्त) खुद धराली पहुंचे और हवाई सर्वे कर हालात का जायजा लिया. उन्होंने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में जाकर राहत व बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के प्रतिनिधियों से विस्तृत जानकारी ली और निर्देश दिया कि राहत कार्यों को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाया जाए.
रेस्क्यू में चिनूक निभाएगा अहम रोल
चिनूक हेलीकॉप्टर अपनी बड़ी क्षमता और हैवी लोड उठाने की ताकत के लिए जाना जाता है. इसकी मदद से बचाव दल, राहत सामग्री, मेडिकल उपकरण और मशीनरी सीधे आपदा प्रभावित इलाके तक पहुंचाई जा सकेगी. साथ ही, फंसे हुए लोगों को वहां से निकालने में भी यह बड़ी भूमिका निभाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, धराली और आसपास के इलाकों में कई लोग मलबे में फंसे हैं और उनका तुरंत बचाव करना बेहद जरूरी है.
एयरफोर्स की ओर से चिनूक हेलीकॉप्टर को तैयार किया जा चुका है. एयरपोर्ट पर इसकी लैंडिंग और टेकऑफ की तैयारी पूरी कर ली गई है. मौके से मिल रही तस्वीरों में चिनूक हेलीकॉप्टर रनवे पर तैनात नजर आ रहा है, जो किसी भी समय उड़ान भरने के लिए तैयार है.
रेस्क्यू टीमों का कहना है कि चिनूक और अन्य हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत कार्य की गति तेज होगी. जहां जमीनी रास्ते बंद हैं या बेहद खतरनाक हैं, वहां हवाई मदद सबसे सुरक्षित और तेज तरीका है.
बेहद खराब है धराली की स्थिति
धराली में हालात अब भी गंभीर हैं. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान दिन-रात काम कर रहे हैं. चिनूक की तैनाती से उम्मीद है कि राहत और बचाव का दायरा बढ़ेगा और अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकेगी.
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बचाव दलों के निर्देशों का पालन करें. इस समय हर सेकंड कीमती है और चिनूक जैसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर इस आपदा में बड़ी मदद साबित होंगे.
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