Shardiya Navratri 2025: महाअष्टमी से लेकर दशहरा तक, नोट करें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि में सप्तमी 28 सितंबर, महाअष्टमी 30 सितंबर, महानवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सप्तमी पर मां कालरात्रि, अष्टमी पर कन्या पूजन और नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है.

author-image
Deepak Kumar
New Update

शारदीय नवरात्रि में सप्तमी 28 सितंबर, महाअष्टमी 30 सितंबर, महानवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सप्तमी पर मां कालरात्रि, अष्टमी पर कन्या पूजन और नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है.

अश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है. यह पर्व मां दुर्गा और उनके नौ दिव्य स्वरूपों की उपासना के लिए विशेष माना जाता है. भक्तजन पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं और माता रानी की पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि मां दुर्गा की साधना से दुख, दरिद्रता और कष्ट दूर होते हैं तथा जीवन में सुख-समृद्धि आती है. शारदीय नवरात्रि में सप्तमी 28 सितंबर, महाअष्टमी 30 सितंबर, महानवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सप्तमी पर मां कालरात्रि, अष्टमी पर कन्या पूजन और नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है.

Advertisment

सप्तमी तिथि और पूजा

वैदिक पंचांग के अनुसार अश्विन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि इस वर्ष 28 सितंबर को है. यह तिथि 28 सितंबर को दोपहर 2:27 बजे से शुरू होकर 28 सितंबर शाम 5:31 बजे तक रहेगी. सप्तमी पर मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होती है. इस दिन भक्त स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं और मां को गुड़ व फल का भोग लगाते हैं.

महाष्टमी का विशेष महत्व

महाष्टमी की पूजा 30 सितंबर को की जाएगी. पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 29 सितंबर शाम 4:32 बजे से 30 सितंबर शाम 6:06 बजे तक रहेगी. महाष्टमी पर मां दुर्गा का विशेष आवाहन किया जाता है. इस दिन कई स्थानों पर कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाती है, जिसमें छोटी बच्चियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा कर उन्हें भोजन कराया जाता है.

महानवमी की तिथि और विधान

1 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी. नवमी तिथि 30 सितंबर शाम 6:07 बजे से शुरू होकर 1 अक्टूबर शाम 7:01 बजे तक रहेगी. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. माना जाता है कि नवमी पर माता की उपासना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस अवसर पर कन्या पूजन और हवन का आयोजन भी किया जाता है.

विजयादशमी (दशहरा)

नवरात्रि का समापन दशहरे के पर्व के साथ होता है, जो इस वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दशमी तिथि 1 अक्टूबर रात 7:02 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर शाम 7:10 बजे तक रहेगी. यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी. दशहरे पर रामजी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1:18 से 3:40 बजे तक और विजय मुहूर्त 2:05 से 2:53 बजे तक रहेगा.

यह भी पढ़ें- Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है? जानें इसका इतिहास और महत्व

shardiya navratri 2025 Religion News in Hindi Religion News
Advertisment