राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. पिछले तीन दिनों की मूसलाधार बारिश से जड़ावता गांव में खेत खाई में बदल गए. पानी के तेज बहाव ने मिट्टी को काटकर करीब 50 फीट गहरी और कई किलोमीटर लंबी खाई बना दी. कई मकान और एक मंदिर मिट्टी के साथ ढह गए. अमरूदों के बाग पूरी तरह बर्बाद हो गए.
गांव में तबाही का मंजर
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी बारिश उन्होंने पहले कभी नहीं देखी. एक ग्रामीण ने बताया, “तीन दिन पहले रात को बिना हवा और आंधी के तेज बारिश हुई. पानी इतना तेज था कि सड़क और खेत बह गए. दो दुकानें, दो मकान और एक मंदिर गिर गए. अब भी पानी का वेग जारी है.” कटाव के कारण कई घरों में दरारें आ गई हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं.
प्रशासन अलर्ट, एनडीआरएफ तैनात
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन मंत्री मौके पर पहुंचे. एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुट गई है. अधिकारी पानी का बहाव गांव से बाहर मोड़ने की योजना बना रहे हैं. पांच से छह गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कई चौराहों और मुख्य सड़कों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है. ग्रामीणों का कहना है कि जड़ा और दुब्बी बनास के बीच का चौराहा कट चुका है. अब लोगों को लंबा चक्कर लगाकर गुजरना पड़ रहा है.
भारी नुकसान, बाग उजड़े
ग्रामीणों के मुताबिक, 10 से 20 बीघा जमीन पानी में बह गई है. खेतों में खड़े अमरूद के पेड़ अब सिर्फ जड़ों में बदल गए हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकार द्वारा बनाई गई पानी की टंकी और बांध भी खतरे में हैं. अगर बारिश का दौर जारी रहा तो और नुकसान हो सकता है.
हालात अब भी गंभीर
आपको बता दें कि कोटा, बूंदी और टोंक में भी बाढ़ जैसी स्थिति है. सवाई माधोपुर में प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बारिश बंद नहीं होती, डर बना रहेगा. खाई का मंजर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी का बहाव कितना तेज था. लोगों की जान बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
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